बहादुरि और साहास कि कहानी || short stories on braver and courage in hindi with moral

दोस्तो आज आपको Story About Bravery And Courage को बताने वाले है। Bravery And Courage Story यह आपको बहुत पसंद आयेगी। 

बहादुरि और साहास कि कहानी

 

एक गाव मे चार बच्चे रहते थे । वो अकसर गाव के चोराहे के पास खेला करते थे । वो चार बच्चे चोराहे पे खेल खेल के थक गये थे इस लिये वो लोगो ने गाव कि नदि हे वहा पे खेल ने कि लिये सोचा । वो चारो दुसरे दिन नदि के पास खेल ने गये और चारो आपास मे खेल रहे थे तबि आवाज याइ मे मे मे करके वो चारो ने ने देखा कि छोटि छि बकरि पानि मे फास गइ है | वो चारो बच्चो चारो दिसा मे देख लिया लेकिन कोइ नहि दिख रहा था । वो चारो बच्चो सोच मे पद गये वो दर ने लगे बकरि मे मे मे करके रो रहि थि वो देखके रो रहि थि ।

चारो बच्चो मे से एक बच्चा बोला कि चलो हम घर चले जते हे । दुसरा बच्चा बोला ए बकरि हमरि तो नहि है हम क्यु उसे निकाले । तिसरा बच्चा बोला कि उसे निकाले मे कोशिश करता हु मेरे से होता हे तो देखे गे नहि तो घर चले जाये गे ।आखरि चारो बच्चो मे से एक हि बच्चा बचा था वो साहास कर के पनि मे उतरा और धिमे धिमे अगे बधता गया और वो बकरि को बहदुरि से वो पानि से बाहर निकाल लिया ।

Real Story of Bravery in Hindi : – धिराज और साहास करके धिरेसे अगे बधना चाहिये हामारा साहास  भरा कदम किसि के मदद कर सके तो जरुर हमे करना चहिये ।

 Braver And Courage

साहास भारा कदम बहादुरि दिखा गया

 

 

एक दिन कि बात है चारो बच्चे को मंदिर के पुजारि ने कुच फुल लेने के लिये भेजा वो चारो बच्चो गये फुल लेने के लिये काफि जगह पे देखा  कहि पे फुल मिल नहि रहे थे वो चारो सोच मे पद गये ।वो चारो बच्चो जंगाल कि और गये फुल लेने के लिये चारो बच्चो ने सोचा चारो अलग अलग दिशा कि और चलते हे जिसको मिले फुल वो ले के अये गा । चरो अलग अलग दिशा मे गये ।चारो मे पहला जो बच्चा को फुल दिखा लेकिना वो फुल कि और पोहच नहि पया था और वो वापस अगाया । दुसरा बच्चा फुल देखा लेकिन वहा पे जंगाल जेसा बहुत काटे दार नुकिले काटे थे ।  

इस लये वो वापस  आगया और तिसरा बच्चा को फुल दिखा लेकिन वो किचद बहुत था वो साहस करके किचद मे गया लेकिन उस के पेर किचद मे जम्ने लगे इस लिये वो फुल निकाल नहि पाया । और जो चोथा बच्चा था उसे फुल दिखा लेकिन वहा पे मधुमखि का छ्ता था वो बच्चे  ने बहादुरि से  वो फुल निकाला और वो बच्चा मंदिर के पुजारि को मिला । पुजारि सभि बच्चे को पुछा क्यु नहि लये फुल सभि ने कुच ना कुच करान बताया और जो बच्चा थ वो फुल लेके अया था वो बच्चे ने बहुत सुदर जवाब दिया मेने धिरे से कुच छेद खानि किया बिना वो फुल साहास करके वो फुल निकाल लिया।पुजारि उस कि बात सुनके भावुक  हो गये और मंदिर कि प्रसाद थि वो बच्चे को दिया । और वो चारो बच्चो अपने अपने घर चले गये । 
short bravery stories moral :- बाहादुरि तो दिखा नि पदति है परिस्थिका समना करना चाहिये ना कि उससे भाग ना चहिये ।
डोस्तो मुजे यकिन है कि Story On Bravery And Courage अप को पसंदअयि होगि । Bravery And Courage  Stories अपको कोइ सुधार करने योगियाता लग्ता है तो हमे कोम्मेंत करके बाताये और अपको कहनिया short story on bravery लिखने खा पसंद हो तो हमे Brave Story in Hindi या Real life story of bravery and courage एमैल कर सक्ते हो |

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