दोस्तो आज आपकोयह बतानेवाले है celebrate navratri story in Hindi के बारेमे हमेयकिन है| story behind navratr 2021

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नवरात्री के दिनो मे पुरे संसार मे आनंद मय हो जाता है सब लोग प्रफुलित हो जाते हेआज भि भक्तो कि संखिया कम नहि हुवि है मा दुर्गा से प्रेम ओर लगाव के कारण सभि लोग भक्ति मे लग जाते हेकइ लोग नवरात्री अगमन से पहले हि सभि तरहा कि तैयारि कर ने मे लग जाते हेजेसे कि पुजा, किर्तन ओर व्रत कि तैयारि करने लगते है। नवरात्रि के कारण  सभि लोग मे एक अलग हि उत्साह देखने को मिलता है । अलग अलग जगह से पुराणो मे नवरात्री मनाने मे के पिछे कहि कथाए जोदी हुवि है ।

माँ दुर्गा कि नवरात्री के दिन मे -पूजा अराधना करते है । माँ दुर्गा को घर ओर मंदिर मे स्थापित करके विधि – विधान से पुजा अराधना ओर व्रत रखते हे । इन दिनो मे माता कि अलग – अलग रुपो कि पुजा कि जाहि हे ।

7 अक्टुबर का पहले दीन – माँ शैलपुत्री

अक्टुबर का दूसरे दीन – माँ ब्रह्मचारिणी

अक्टुबर का तिसरे दीन – माँ चंद्र घटा व माँ कुष्मांडा

10 अक्टुबर का चौथे दीन – माँ स्कंदमाता

11 अक्टुबर का पाचवे दीन – माँ कात्यानी

12 अक्टुबर का छठे दीन – माँ कालरात्री

13 अक्टुबर का सातवे दीन – माँ महा गौरी

14 अक्टुबर का ठवे दीन – माँ सिद्धिदात्री

15 अक्टुबर के दिन विजया दशमी (दशारा) 

दशहरे का शुभ दीन

आठवें दिन के बाद दशहरा का दीन हे । इसके दशमि यानि दशहरा का त्योहारा । यह बहुत हि शुभ माना गया हे ।

नवरातत्री  कि कथा

महिषासुर नाम का एक महा रक्षस था जो ब्रह्मा जिका भक्त था । महिषासुर ने ब्रह्मा जि को तप करके प्रसन्न  करके वरदान प्राप्त कर लिया ।पूथ्वी पर रहने वाले या कोइ देव , दानव कोइ ना मार पाये इस तरहासा वरदान प्राप्त कर लिया । वो तिनो लोग मे आतंक मचा ने लगा वो बहुत निर्दय  हो गया । सभि लोग परेशान हो गये थे महिषासुर का वध के लिये देवी – देवताओ ने ब्रह्मा ,विष्णु ,महेश के साथ मिलकर माँ शकति के रुप मे दुर्गा को जन्म दिया था । 9 दिन तक माँ दुर्गा ओर महिषासुर के बिच मे भयंकर युद्ध हुवा । दसवे दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया । अछाई पर बुराई कि जित इस दिन को मनाया जाता है ।

लंका पर भगवान राम ने आक्रमण कर के युद्ध जित ने के लिए सक्ति कि देवि माँ भगवती कि आराधना कि थि । 9 दिन तक रामेश्वरम मे माता कि पुजा कि । माँ प्रसन्न होकर श्रीराम को लंका मे विजय प्राप्ती का आशीर्वाद दिया । दसवे दिन श्रीराम ने रावण को युद्ध मे हराकर उसका वध कर लिया ओर लंका पर विजय प्राप्त कि इस दिन को अब विजय दशमि के रुप मे जाना जाता हे | 

महिषा सुर का वध करके माँ दुर्गा ने पूरे संसार का रक्षा। 
महिषा सुर ने उपासना करते हुवे देवताओ को पसंन किया।  देवताओं ने उसे अजेय होने का वरदान दिया। महिषा सुर वरदान को पाके घमंड मे आ गया और दूर उपयोग करने लगा।
नरक को स्वर्ग के द्रावर विस्तार कर दिया। सुर्य, चाँद, अग्नि, वायु, यम, वरुण, और कही देवताओ का अधिकार छीन लिया और महिषा सुर स्वर्ग का मालिक बन बैठा। 


महिषासुर के भय से देवताओ को पृथ्वी पे वितरण करना पड़ रहा था। महिषासुर का दुस्साहस देखते हुवे देवताओ को माँ दुर्गा माँ की रचना करनी पड़ी।
महिषासुर का वध करने के लिये देवताओ ने माँ दुर्गा माँ को सारे आस्त्र- शास्त्र सारे समर्पित कर दिये जिससे वह बलवान हो पाये।नौव दिनों तक माँ दुर्गा माँ और महिषासुर के बीच मे लडाई हुवी आत्मे मे महिषासुर का वध कर दिया।
इस प्रकार से बुराई पे आशाई की जीत हुवी। 

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