दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है Swami and Friends के बारे मे हमे यकिन है | Moral of the story बहुत पसंद आयेगा । The notebook novel
moral of the story swami and friends in hindi
आरके नारायण की पेहली नोवेल कितब है वो 1935 में प्रकाशित हुवि थी। ये किताब मे स्वामी और उनके दोस्त के बारे मे हे । स्वामी आपने अनुष्ठित पीता, पियारी माँ और नवाजात भाई के साथ मालगुड़ी में रेहता है।
स्वामी अल्बर्ट मिशन स्कूल में पढता है अपने चार दोंस्तों के साथ – सोमू, जो काक का नेता है; मणि – जो कोई काम का नहीं, लेकिन सबसे अछा दोस्त है; संकर – जो सबसे अछा पडने वाला है, शमूएल – जो पिये करके बुलया जाता था वो आकार मेँ छोटा था।
लेकिन यह कहानी स्वामी और दो दोस्त कि हैं दोस्त – मणि और राजम के बारे मे हे।
राजम स्कूल का नया लदका है जो अछा कापदा पहेरता हे ओर अंग्रेजी बहुत अछी तरहा बोल लेता है । स्वामि को राजम से दोस्ती करने कि बदी इशा होती है ओर एक दिन दोस्ती कर लेता है । एक दीन स्वामी ओर उस के पुराने दोस्त के बिच मे कहासुनी हो जाति है । वो अंग्रेजो के विरूध मे सामिल होने का सोच ता है । ओर अहि उस्का जिवन का नया धेय हो गया हे । वो देश भकति से वो सब नहि कर रहा था वो केवल पथार फेक कर सिसा तोदके अनंद लेता था । विधायल के आचर्य उसको दंद देते है स्वामि विधायल से भाग जाता है ।
फिर से स्वामि को दुसरे स्कूल मे भरती करते हे । इस समय राजम ओर मणि क्रिकेट टीम बनाते हे ओर दुसरी टीम के साथ खेल ने के लिये तय करते हे। स्वामी अपने क्रिकेट टीम मे जगह नहि बना पाता है ओर वो दरके स्कूल ओर घर से वो भागता हे । वो अपना रस्ता खो जाता है ओर उसे एक चरवाहा मिलता हे ओर उसको घर पोह्चाता है । स्वामी को पता चलता है उस्का दोस्त क्रिकेट मेच मे सामिल नहि हुवा था ।
राजम को इस के कारळ गुस्सा आता है ओर स्वामि से मिलने के लिये इन्कार कर देता है । थोदे दिन के बाद स्वामि को पता चलता है कि राजम के पिताजिका अतिमसंस्कार किया गया हे ओर वो शेहर शोद कर जा रहा है । स्वामी को बहुत बुरा लगता है लेकिन वो मन्ता था कि राजम ने उस्को माफ कर दिया ओर फिर से दोस्ती सुरु होगि । लेकिन उस्को पता नहि था कि राजम ने उस्को माफ नहि करने का तय किया था वो मान्ने के लिये तैयार नहि था । राजम को जाते हुवे देखता है ओर स्वामि रोता हुवे पुछता है कि राजम तुम क्यु जा रहे हो । वापस कब आवोगे । राजम केवल उस्को देख्ता है स्वामि को लगता है कि वो कुच बोलने के लिये अपना मुह खोल रहा हे तब तक गदी के एन्गीन का शोर सुरु हो जाता है राजम चला जाता है ।
Swami and friends summary
एक दीन स्वामी और उसका दोस्त यात्रा के लीये निकल पडे । दोनो को चलते हुवे एक जंगल मे पोहुच गये । काफि समय हो गया था उन्हो रात बिताने के लीये एक अच्छी जगह नही मिल रही थी । बस स्वामी अपने दोस्त को यही कह रहा था पास मे ही है गांव कुच कदम चल ने के बाद आ जायेगा ।
स्वामी की बात सुन्के उस के दोस्त को थोडी बहुत हिम्मत मिलती थी और आगे चलते थे । येसा करते करते एक नंदी के कीनारे दोनो ने रात्र गुजार ने का सोचा । दोनो नंदी मेसे कुच मंछ्ली पकडी अपना पेट भरा और दोनो वहा पे सो गये ।
दुसरे दीन की सुबह मे वो दोनो वहा से निकल गये । कुच कदम चलने के बाड एक गांव आया वहा पे रुक ने का सोचा । लेकीन वो गांव बहुत गरीब था वहा पे अच्छी सुवीधा नही मिलती थी । इस लीये वो दोनो आगे चलते गये । लेकिन आस पास मे कोई गांव नही था । उन्होने सोचा कास हम वहा पे रुक गये होते तो अच्छा होता ।
स्वामी ने उसके दोस्त से कहा आगे की और चलते हे क्या पता हमे एक अच्छी जगह मिल जाये । उन लोगो ने कही पहाडो पार कीये और कही नंदी को पार कीया तब उन्को एक बहुत अच्छी जगह मिल गई । वहा कुच घर थे लेकीन सब मिलता था वहापे ।
स्वामी और उसके दोस्त ने वहा पे कुच दीन गुजारे उन्को बहुत अच्छा लगा । उन्हो ने देखा की खेतो मे अच्छी खेती होती है । नंदी मे से साफ पानी पीने के लीये मिलता है । सभी पेड और पैधे रेंग्बे रंन्गी थे । इस लीये दोनो ने उसी जगह पे आगे का जिवन बिताने का सोच लीया ।
दोस्तो मुजे यकिन है कि Swami and friends summary आप को पसंदआयि होगि । यह Moral of the story Novel book आपको कोइ सुधार करने योगियाता लग्ता है तो हमे कोम्मेंत करके बाताये और आपको कहनिया Novel bookstore moral story लिखने खा पसंद हो तो हमे Novels for young adults या Summary of swami and friends in 100 words एमैल कर सकते हो | Novel for book review
Swami and friends pdf –Rk Narayan Credit Story