Moral of the story be calm and kind

दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है moral of the story be calm and kind के बारे मे हमे यकिन है | short stories about being calm बहुत पसंद आयेगा ।

 

 

Moral of the story be calm and kind शांत और दयालु बकरी

एक छोटे से गाव कि कहानी है रामु के पास एक बकरी है और बकरि का एक बसदा है। वो  रामु बकरी से जो कुच धुध निकल ता है वो गाव मे बेच के अपना जिवन गुजार ता था । थोदा घुध बसदे के लिये और थोदा धुध अपने खरचे के लिये । इस तरहा हर दिन वो अपना दीन बिताता था । वो रामु और बकरी हर दीन गाव के पहाडी हिस्से मे कुच खाने के लिये रामु ले जाता था एक दिन बकरी खाना खाने के बाद पानी पिने के लिये नदी के किनारे चली गई ।

पानि पिते हुवे बकरी ने देखा कि एक ननहा सा बसदा पानी मे दुबता हुवा अपनी और आ रहा है तब बकरी ने एक पेड कि दालि लिया ओर उस बसडे कि और फेका और पानी मे से बहार निकाला और बकरी ने उस बसदे को पुछा बेटा तुम यहा केसे आ गये । तब बसदे ने कहा कि मे अपनि मा को बिना कहे पानी पिने के लिये नदी कि और चलि आयी थी ओर मेरा पैर फिसल गया ओर मे पानी मे दुबती हुवी यहा पे आ गई ।

 

तब बकरी ने बसदे को कहा कि मे तुमहे मेरे साथ नहि ले जा सकती हु क्यु कि मेरा मालिक बहुत गरीब है । मे तुम्हे हर दीन मिल ने के लिये आवु गि तुम्हे एक अछी जगहा पे रहने के लिये छोद जावु गी और मे तुम्हे अपना धुध पिने के लिये हर दिन दुगि लेकिन तुम्ह यहा छे कहि नहि जाना । वो बकरी हर दीन उस बसदे को अपना धुध पिला ने के लिये आया करती थी एक दिन ननहा सा बसदा अपनी मा से कहने लगा कि मा मे भुखी रह जाती हु । तब बकरी अपने ननहे से बसदे को कहा की तुमहा जेसे एक ननहा सा बसदा मुजे मिला है मे उसे यही पे नहि ला सकी इस लिये  एक अछी जगह पे छुपा के रखा है और हर दिन धुध पिला ने के लिये जाया कर ती हु ।

रामु सोच मे पद गया कि मेरी बकरी क्यु धुध कम देती है एसा क्या कारण हो सकता है । कोइ मेरी बकरी से धुध निकाल लेता होगा । इस लिये रामु ने बकरी का पिछा कर ने का सोचा । जेसे जेसे बकरी अगे चलते हुवे जा रही वेसे वेसे राजु बकरी का पिछा करते हुवे जा रहा था । बकरी ने उस बसदे को छुपाया था वहा पे वो गई और उस बसदे को धुध पिला ने लगी तब रामु ने वो देख ते हुवे रामु को गुस्सा आया और एक लकदी लिया ओर उस बकरी को मार ने लगा बकरी मे-मे-मे कर के चिल्ला ने लगी ।  

  

तब वहा पे भगवान प्रगत हुवे ओर रामु को कहने लगे कि क्या कर रहे हो रामु क्यु मार रहे हो बकरी को तुम्हे कुच धन कम पद रहे है तो लो ए धन और अच्छी तरहा अपने जिवान बितावो । रामु ने भगवान से माफी मगी और अपनि बकरी के प्रती दयालु और शांत सभाव देखते हुवे । बकरी और उस बसदे को अपने साथ ले गया । 

रामु ने एक मिथाई कि दुकान खोली और साभी अनाथ बकरी के लिये एक तबेला बनाया और साभि के लिये दाना और पानी कि सुविधा कि । एक दीन एक बकरी चलते चलते उस तबले कि और आ गई और जेसे हि उस बसदे ने अपनी मा को अपने पास आते हुवे देखता है तो खुस होके मे-मे-मे करके अपनी मां के पास चला जाता है । वो देख्ते हुवे रामु बहुत खुस हो जाता है ।

बकरी का दयालु पन और शांत व्यवहार से आज रामु अमिर बन गया और सभि बकरी को अच्छी तरहा देख भाल करने लगा ।

 

 

Moral Story :- कभी भी किसि निर्जिव प्राणी पे हाथ नहि उथा ना चाहिये इस के पिछे का रह्स्य जान्ना चाहिये ।

 

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दोस्तो मुजे यकिन है कि stories to calm the mind आप को पसंदआयि होगि । यह short stories about calmness आपको कोइ सुधार करने योगियाता लग्ता है तो हमे कोम्मेंत करके बाताये औरआपको कहनिया stories on staying calm लिखने खा पसंद हो तो stories about anger  या real life stories related to anger एमैल कर सकते हो | 

 

 

 

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