दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है True motivational story के बारे मे हमे यकिन है | Little girls toy story बहुत पसंद आयेगा True motivational story 100 words for girls story

 

girls story

 

True motivational story 100 words for girls story

 

एक छोटे से गांव का एक वेपारी था उस की एक लदकीथी उसे रीक्षा मे बीथा के जा रहा  था । वो लदकी अपने पापा से कहती है पापा देखो नीले-नीले पैड और जमीन हमारे साथ चल रही है । उस के पापा ने लदकी की मुस्कान देख्ते हुवे खुस हो गये थे और कुच नही कहा ।

लेकीन बगल मे यंग युवक लोग बेथे हुवे थे उन लोगो को लदकी की बार-बार बोलने से परेशानी हो रही थी ।

थोदी देर के बाद वो लदकी फिर से चील्ला के बोली पापा ए देखो हमारे साथ पैड और बादल साथ मे आ रहे है । लदकी बात सुनके पापा मुस्कुराने लगे लेकीन बगल वाले यंग युवक लोको को गुस्सा आने लागा और आपस मे बात करने लागे उस के पापा उस लदकी को क्यु कुच नही कहते है वो गलत-सलत बोल रही है । उसे अच्छे डोकटोर को दीखा चाहीये ।

वो लदकी कह रही है हमारे साथ बादल साथ मे चल रहे है । उस के पिता ने यंग युवक की बात सुनी और कहा की ए लदकी अभी-अभी डॉकटोर के पास होके ही आयी है अभी अभी उसकी अंख का ईलाज हुवा है । उस का बचपन अंधपन मे नीकल गया है अब उसे दिख रहा है उस की अंख वापस आ गई है इस लिये अब वो जो कुच दिख रही है वो नया सा है उस के लिये ।

वो यंग युवक को लदकी के बचपन के बारे मे सुन्के बुरा लागा और उस के पापा से माफी मांगी ।   

Motivational story on girl education

एक छोटा सा गांव था इस गांव में सभी लोग गरीब थे इस गांव में कुछ ना कुछ नया हुआ करता था । इस गांव में एक किसान की बेटी थी वह बहुत ही होशियार थी लेकिन किसान का परिवार गरीब था । यह दो भाई-बहन थे लड़की का नाम प्रिया था । यह लड़की मां की मदद करती थी सुबह से लेकर शाम तक घर के तमाम काम काज मे हाथ बदाती थी ।  

पाठशाला उसके घर के पास में ही थी । पाठशाला में जो कुछ भी पढ़ाई होती थी उसे सब कुछ अच्छी तरह से ध्यान लगाकर पढ़ाई करती थी सुबह तो पाठशाला में पढ़ाई कर लेती थी । लेकिन शाम को घर आते ही उसे काम करना पड़ता था तो रात हो जाती है ।

उसके घर में लाईट का बल्ब नहीं था उसे पढ़ाई करने दिक्कत आ रही थी । लेकिन रात को पढ़ाई कैसे कि जाए यह प्रश्न उसे परेशान करता था । फिर उसने गांव के सरपंच को बताया उसने प्रिया की मदद की वह बैठ के तबेले में जाकर पढ़ाई करने लगी । वहां पे सरपंच ने  बल्ब की सुविधा की थी वह वहां पर जा कर हर दीन पढ़ाई करने लगी ।

फिर आठवीं कक्षा तक गांव में पढ़ाई की उसके बाद नवमी कक्षा में शहर में जाना पड़ता है । लेकिन प्रिया के घर वाले के पास इतने पैसे नहीं थे । इसलिए पूरे गांव ने मिलकर उसे आगे तक पहुंचा ने के लिए सभी ने पूरी तरह से मदद की ।

फिर पांच साल के बाद पढ़ाई पूरी करके गांव आती है | तब सभी गांव वाले बहुत गर्व महसूस करते हैं । और प्रिया ने गांव वालों के बच्चों की पढ़ाई लिखाई की पूरी जिम्मेदारी उठा ली |

 

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दोस्तो मुजे यकिन है कि Girl motivation story आप को पसंदआयि होगि । यह Inspiring true life stories आपको कोइ भुल करने योगियाता लग्ता है तो हमे कोम्मेंट करके बाताये और आपको कहनिया True motivational story in hindi लिखने खा पसंद हो तो Motivational story of girl या Motivation story girl ईमैल कर सकते हो  | motivational story in 100 words

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