दोस्तो अज अपको यह बताने वाले है chane ke jhad के बरे मे हमे यकिन है | moral of the story बहुत पसंद अयेगा । chane ke jhad moral of the story

chane ke jhad

chane ke jhad moral of the story

एक दिन दो दोस्त एक चा कि दुकान पे चा पि रहे थे एक दोस्त दुसरे दोस्त को कहने लगा कि आज तो तुम बहुत सुंदर दिख रहे हो तुम्हाराशर्त क्या कोलर है और पेंन्ट कि क्या बात करु लगता हैं कि सारे दुकान दार एक साथ मिल के तुम्हारा पेन्ट बन्नाया होगा ।वो दोस्त कि बात सुन्के पुरे उस्सा मे गाया और दुकान दार को कहा कि दो बदिया सी चा बनावो मेरे दोस्त के लिये और मेरे लिये. दुकन मनो मन कहने लगा के आज तो उस के दोस्त ने चने के झाड़ पे चदा दिया उस को इस लिये आज जाय्दा पैसा खर्च कर रहा है  

दोनो दोस्त चा पिने के बाद दोनो चलते चलते आगे कि और जा रहे थे वो दोस्त उस कि तारिफ कर हि रहा था वो दोस्त बल्लुन के गुब्बारे कि तरहा फुल रहा था रास्ते मे भेल पुरि वला देखा तो वो दोनो ने भेल पुरि खया इस तरहा वो दोस्त तारिफ करता रहा और वो चने के झाड़ पे चदता रहा

Moral Story :- तारिफ कुच समय तक हि अछी लगती है ज्यादा तरिफ सुनके अपना समय या किसि चिज को मत खोना

       चुन्नु कि तारिफ(‌moral of the story)

चुन्नु और बब्लु दोनो एक साथ पठने के लिये स्कूल जाया करते थे हर दीन वो दोनो आपस मे जगदते थे और वो चुन्नु बब्लु का कोइ बि नई चिज मिल जाती है वो चुन्नु ले लेता है बब्लु ने  एक दिन सोचा कि चुन्नु हर दिन मेरी नाई चिज ले लेता है तो इसे किस तरहा रस्ते पे लाया जाये ।

चुन्नु एक दिन स्कूल मे नई वोच पहेन के लाया था उसे देख्ते हुवे बब्लु ने कहा कि क्या बात है आज तो नई वोच आज कहा से सुरज निकला है वो सुनके वो चुन्नु मुस्कुराया और कह ने लगा कि ए मेरे पापा लाये है बहुत मेहगि है और हमारे आस-पास कि दुकान मे ए वोच नहि मिलती ।

बब्लु ने सभि के समने कहा कि ए देखो चुन्नु नई वोच लाया है और ए बहुत मेहगी है हमारे स्कूल के किसि भि स्टूदेन्ट के पास एसी वोच नही है । वो सुन्के चुन्नु बहुत उस्सा मे आ गया और मनो मन वो मुस्कुराने लगा । और सभि लोगो ने कहा कि चुन्नु आज तो सभि लोगो को एक बदी सि एक चोकोलेट खिलादो । सभि कि बात सुनके चुन्नु ने जो भी पोकेट मे पैसा था उसि से सभि के लिये चोकोलेट खरिद लाया और सभि लोगो को खिलाया । बब्लु कि तारिफ सुनके चुन्नु चने के झाड़ पे चद गया ओर सारे पोकेट मे पैसे थे वो खर्च कर दिया ।

Moral of the Story :- किसि कि चिकनि चिकनि बातो मे मत अया करो अपने दिमग से काम किया करो और अपने खुद के फेसेले लिया करो ।  

                              ननहिसी लदकी (Moral chane ki story)

एक छोटे से गाव मे एक ननहिसी लदकी रहती थी वो अपनि मा को बहुत प्रेम करती थी । वो ननहीसी लदकी अकेली घर से बाहार नहि जा सकती थि उस कि मा ने मना कर रखा था कि अकेली मत जाना घर से बाहार । उस ननही लदकि के कुच दोस्त उसे कहते है कि हम तो हर रोज हमारे मा ओर पापा के साथ गुमने के लिये बाहार जाया करते है और  कुल्फी साथ मिल कर खाते है ।

वो उदास हो के घर के बाहार बेथी थि और उस कि मा ने देखा ओर ननहीसि लदकी को पुछा  कि क्या हुवा क्यु उदास बेथी हो । तब उस ने कहा कि मुजे भि बहार गुमने जाना है और कुल्फी खाना है ।

उस कि मा ने कहा कि तुम मेरे सब से प्यारी बेटी है तुम चाहे वहा पे मे तुम्हे ले जा सकती हु लेकिन मे घर मे अकेलि हि हु काम कर ने वाली इस लिये मे आज तुम्हे नहि ले जा सकती हु लेकिन अगले दीन जरुर मे तुम्हे लेके जावु गी ।    

मा ने उस कि कुच तारिफ किया और वो ननफी सी लदकी मा कि बात को मान लिया । और उस कि दोस्त के पास जा के कहने लगी कि मेरी मा मुजे कल गुम्ने के लिये ले जाने वाली है और बहुत सारी कुल्फी खिलाये गी । उस के मा को काम से फुरस्त नहि मिल्ता है इस्लिये उस ननहि सि लद्कि को कल गुमने के लिये ले जावु गि एसा कहा और वो लदकी मान भि गई । मा ने थोदी बहुत तरिफ किया और वो लदकी चने के  झाड़ पे चद गई ।

short moral  :- मा ने ननहीसी सि लदकी को खुस कर ने के लिये तरिफ किया और उसे खुस किया । 

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डोस्तो मुजे यकिन है कि Chane ki kahani अपको पसंदअयि होगि । यह chane ke jhad par chadhana अपको कोइ सुधार करने योगियाता लग्ता है तो हमे कोम्मेंत करके बाताये और अपको कहनिया moral of the story in hindi लिखने खा पसंद हो तो हमे चने के पेड़ में सैया दीवाने हो गए या चने के झाड़ में एमैल कर सक्ते हो| chane ka jhad bhatpachlana

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