दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है raham dil badshah के बारे मे हमे यकिन है | moral of the story बहुत पसंद आयेगा । moral of the story of raham dil badshah
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badshah ki story |
moral of the story of raham dil badshah
एक समय कि बात है जो मधाव पुर कर के गाव था वो गाव मे रहने के लिये पाके घर नहि थे वो केवल रहने के लिये सभि लोगो ने 4 लकदि का सहारा लिया और उस पे कपडे का एक छोटा सा तुकदा लगा के छट बना दिया था । उस गाव मे ना लाईट कि सुविधा थि ना पिने के लिये साफ सुतरा पानी था । पानि लेने के लिये बहुत दुर तालाब के किनारे जाना पदता था । ना धनका खाना मिलता था ।
सभि लोग दिन रात अपने खेत मे मेहन्त करते है जो भि खेत मे पकता है उसि से वो लोग अपना गुजारा चलाते है । सभि लोग एक दुसरे के साथ मिल जुल के रहते थे । सभि लोग एक दुसरे के साथ सुख दुख मे एक साथ रहते है । कोइ भि त्यौहार होता है तो एक साथ दुम-धाम से मनाते है ।
एक दिन हुवा यु कि माधावपुर के पास के गाव मे एक राजा रहता था वो काफि समय से शिकार करने के लिये नहि गया था । वो अपने महेल मे बोर हो रहा था इस लिये राजा ने सोचा कि आज शिकार के लिये जंगल मे चलते है । राजा ने अपने शिपाहि को कहा कि चलो मेरे साथ जंगल मे शिकार कर ने के लिये और कुच हथिर अपने साथ ले लेना । राजा और शिपाहि दोनो निकल पदे जंगल कि और वो दोनो चलते गये जंगल कि गहराइ मे लेकिन राजा को शिकार के लिये योग्य प्राणी नहि मिला ।
धिरे धिरे अगे बदते गये वो दोनो बहुत थक गये थे इस लिये जंगल मे एक गुफा दिखि राजा वहा पे विशराम कर ने के लिये रुका । राजा ने शिपाहि को कहा कि कुच खाने के लिये अछि सि चिज लेके आवो । शिपाहि राजा के भोजन के लिये कुच धुन्ध ने के लिये निकल पदा । कुच समय बित गया लेकिन शिपाहि वापस नहि लोट के आया इस लिये राजा को चिंन्ता सताने लगी इस लिये राजा उस गुफा कि और आगे बदता गया शिपाहि कि खोज मे गुफा खात्म हो गई लेकिन वो शिपाही राजा को नहि मिला ।
राजा धिरे धिरे अगे बदता गया लेकिन राजा को पता नहि था कि वो कहा जा रहा हे । राजा थोदे आगे चाला राजा का पाव एक दल-दल मे फस गाया राजा ने बहुत प्रयास किया लेकिन पाव निकाल नहि पाया । राजा ने मदद के लिये आवाज लगाई लेकिन वहापे कोइ नहि था इस लिये किसि ने नहि आवाज सुनि । राजा बेहोश हो गया था ।
माधवपुर गाव के एक व्यकती ने राजा को दल-दल मे फसा देखा । इस लिये वो गाव वालो को बोला के ले आया । और उस राजा को दल-दल मेसे बहार निकाला । राजा बेहोश था इस लिये गाव वालो ने जदि बुटी का उपयोग किया । दुसरे दिन राजा को होश आया राजा चारो और से गाव वालो से घेरा हुवा था गाव वालो को पता नहि था कि ए राजा था इस लिये सभि लोग राजा को घुर घुर के देख रहे थे ।
राजा ने थोदे देर के बाद कुच बोला मुजे पानि चाहिये गाव वाले ने पानि दिया । राजा ने पानि आराम से पिया और गाव वालो के साथ मिल के कुच खाना खाया । खाना खाने के बाद राजा गाव मे जो घर बने थे उस कि और देख ने लगा । तब गाव वालो ने राजा से पुसा कि आप कोन हो कहा से आये हो ।
तब राजा ने कहा कि मे पास के गाव से आया हु मे वहा का राजा हु । मे मेहल मे बेथ के बोर हो रहा था इस लिये शिकार के लिये जंगल मे आया था मेरे शिपाहि के साथ लेकिन हम दोनो जंगल मे गुम हो गये । मेरे शिपाहि खो गया था उसे धुंन्ते धुंन्ते मे दल-दल मे फस गया । गाव वालो ने राजा कि बहुत सेवा किया ।
राजा ने गाव वालो कि ईमान दारी देख्ते हुवे कहा कि आप सभि लोग मेरे साथ चलो आप सभि को मेरे गाव मे रहने के लिये सभि को घर मिले गा । खाने के लिये खाना मिले गा । खेति के लिये खेत मिले गा । पिने के लिये साफ पानि मिले गा । मुजे लगता है आप सभि लोग याहा पे खुस नहि है । जेसे तेसे अपनि जंदगी बिता रहे है । इस लिये सभि लोग मेरे साथ चलो । मे पुरे गाव को गोद लेटा हु आप सब मेरे परिवार के हिस्सा हो आप कि देखभाल करना मेरा आज से विषय है ।
गाव वलो ने राजा कि बात सुंन्के राजा को उथा लिया और राजा कि जय हो राजा कि जय हो कर ने लगे वो सुंन्के राजा का शिपाहि भि लोत के आ गया । राजा ने कहा शिपाहि को सभि गाव वालो को अपने गाव मे लेके जाने का बन्धो बस करो सभि हमारे साथ चले गे । और सभि हमारे साथ रहे गे ।
गाव वालो राजा के रहेम दिल कि गुनगान गाने लगे । और सभि लोग राजा को हामरे मसिहा मनने लगे ।
Moral of the story of Raham Dil Badshah
एक राजा था उस का कोई वारिस नही था वो बहुत चिंत्ती हो रहा था उसके बाद इस गड्डी पे कोन बेथेगा । बहुत सोचने के बाड राजा ने सोचा की किसी को गोड ले लेता हु वो मेरे बाड उतरा अधीरा बनेगा । राजा ने नगरी मे एलान करवा दीया बहार ग़ेट पे एक पहेली बनाई जो इसे सुलजाये गा वो राजा के बाड उतरा अधीकारी बनेगा ।
काफी लोगो ने इस पहेली को सुलजाने का प्रायास कीया लेकीन किसी ने ये पहेली नाही सुलजाय । दुर दुर से लोगो आने लगे थे इस पहेली को सुलजाने के लीये । वहा पे एक लडकी कब से देख रही थी ये लोग कब से पहेली को सुलजाने का प्रयास कर रहे है लेकीन सुलजा नही पा रहे है । वो लडकी सभी को देखते हुवे जोर जोर से हंसने लगती है ।
राजा ने उस लडकी को पास बुलाया और पुछा क्यु हंस रही हो क्या हुवा । तब उस लडकीने कहा सभी लोग जोर लगा रहे ये इस पहेली को सुलजाने के लीये । लेकीन किसी ने धिम्मंग का उपयोग नही कीया । राजा ने कहा तुम्ह इस पहेली को सुलजा सकती हो तो लडकीने कहा हा बहुत आसान है ये तो पहेली ।
एक ग़ेड था उसे केवल खोलना था लडकी ने तुरंत खोल दीया । राजा ने पुछा ये तुम्ने कैसे कीया तब लडकी ने कहा हाथी के दांत को गोल बोक्क्स मे सरकाना है । उसे सरकाने से खोल जाता है लेकीन सभी लोग दांत को सरकाने के वगेर उसे निकाल ने की कोशिश कर रहे थे ।
राजा उस लडकी की बहादुरी देखते हुवे बहुत खुश हुवा और उस लडकी को उतरा अधीकारी बना दीया । राजा ने एक बडा इतिहास रचा एक लडकी को गोड लेके उसे उतरा अधीकारी बनाके ।
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दोस्तो मुजे यकिन है कि raham dil badshah आप को पसंदआयि होगि । यह moral of the story आपको कोइ सुधार करने योगियाता लग्ता है तो हमे कोम्मेंत करके बाताये औरआपको कहनिया moral of the story in hindi लिखने खा पसंद हो तो story of badshah या badshah story एमैल कर सक्ते हो | moral of the story lyrics