Short story on environment in Hindi
स्कूल के छुट्टीओ मे मे घर बेथा रहता था । एक घर मे बिज्ली नही था इस लीये सोचा कि कही बाहार गुमने के लीये चलता हु । और मुजे बाहार गुमने का पसंद भी था । मे घर से अकेले ही निकल पडा और मेंने दिखा की शहेर मे जिस जगह जोर-शोर से वाहन चला करते थे उस जगाह पे आज एक भी वाहान नही दिख रहा था । उस वक्त सभी लोग रास्ते पे पैदल और साइलिक से चले जा रहे है । शहेर मे चारो दिसा मे पेड और पौधे लगे हुवे थे । और ठंडी-ठंडी हवा चल रही थी । कुच जगह पे पानी भरा हुआ था और नालो की जरीये पानी बहता चला जा रहा था ।
यह सुंदर नजारा बहुत अच्छा लगता था वह देखते हुवे आगे कि तरफ चलता जा रहा था । मैने कई जगह पे देखा की बच्चे,बूठे, नौजवान पेड,पौधे लगा रहे थे । कुच्छ बच्चे पौधे को पानी दे रहे थे । पौधे पे लगे फूल बहुत सुदर दिख रहे थे । कुच लोग आपस मे बात चित कर रहे है । गार्डन मे कई सारे लोग स्त्री,पुरुष, बच्चे खेल कूद रहे है । कुछ लोग योगा कर रहे थे। कई सारे पक्षी विचरण कर रहे थे । एक जरणा था उस्मेसे ठंडा-ठंडा पानी बह रहा था ।
कुछ ज्यादा समय बित गया धुमते धमते इस लिये अपने घर कि और दुसरे मार्ग से चल पडा वहा पे भी कोई मोटर बाइक या कार नही दिखाई दे रहा था । मार्ग पे धुंआ बिल्कुल नही था वातावरण स्वच्छ था. मे कुछ समय पेहले देखा था कि कई लोग कुछ बेकार सी कुडे कचरे गंदगी फेला ने के लीये फेक जाते थी । उस जगह पे आज कुछ नही था एक पौधा लगा हुवा था । कही सारे लोग मंदरो मे लाइन लगा के खडे हुवे थे । धूल कही नही दिख रहा था एक मक्खी नही दिख रही वातावरण बहुत स्वच्छ था ।
Click Me New Post :- Healthplantip
अगे कि और बठता चला गया पहले जिस जगह पे फैक्ट्री थी वो वहा पे नही था इसी कारण धुअआ कही भी नही दिख रहा था । मे बहुत खुश हुआ और मे धूमते धूमते अपने घर पोहुच गया । तभी मुझे मेरी मां ने जगाया तब मुझे लगा की ये मेरा एक सपना है वो हक्कीकत नही है । मेरी आंखो से आंसू गिरने लगे और सोचने लगा की ये मेरा स्पना ही रहेगा वो कभी सच नही होने वला । अब मुझे इस माहौल मे ही रहना पडे गा काश मैने सपना देखा वो सच हो जाता तो बहुत अच्छा होता । काश हम हमारे पर्यावरण को बचा सकते , हम सुरक्षीत उसे रख पाते और सारी परेशानी को दुर कर सक्ते ।
आज मे आज से प्राण देता हु की मेरी तरफ से कुछ भी मे गंदकी फेलावू गा नही और मेरे आस-पास किशी को फेला ने नही दुगा । मे पेड कि रक्षा करगा और नये नये पौधे लगावु गा । पानी का कम इस्तेमाल करुगा ।
दोस्तो आपभी आज से पर्यावरण की रक्षा करने के लीये मेरी मदद कीजिये और ए पोस्ट अपने गुर्प पे शेर की जिये ताकी वो भी हमे पर्यावरण कि रक्षा मे हेल्प कर सके ।
environment story in hindi
एक दीन गांव मे कुछ बच्चे खेल रहे थे तब कुच लोग आये और रास्ते के कीनारे कुच पेड थे उसे काट रहे थे । एक बुजुर्ग उन पेड को काट ने नही दे रहा था वो उन लोगो को कह रहा था मे ये पेड बचपन मे लगा था । बुजुर्ग ने उस पेड को बचा ने की बहुत कोशिश कीया लेकीन बुजुर्ग की उम्र ज्यादा हो गई थी इस लीये अब चल नही सकता था ।
बच्चे उस बुजुर्ग के पास गये और पुछ ने लगे दादाजी आप क्यु इस पेड को बच्चा ना चाहते है । तब उस बुजुर्ग ने कहा बेटा ये पेड हमे फल देता है ये पेड हमे ताजी हवा देता है ये पेड हमे गरमी से बचाने के लीये छाव देता है । इस पेड का बहुत मह्त्व है लेकीन कुछ लोगो को पता नही है पेड के बारे मे इस लिये सारे पेड काट रहे है । पेड के बीना हमारा जीना मुसकिल है । ये पेड नही रहेगे तो हम कैसे जीयेगे ये पेड ही हमे ओकसिजन दे रहा है इसी लीये हम आज जिंदा है ।
Click Me New Post : Loanadvis
सारे बच्चे को दादाजी की बात मे गहराई दिखी और दुसरे दिन से सभी बच्चे मिल के आम के पेड लगा ने के लिये नीकल पडे । पुरे गांव मे साभी बच्चे आम के पेड का पौधे लगाने लगे । जिस जगह वीरान पडी हुवी थी उस जगह पेड लगाते गये । कुच्छ घर के सामने लागाये तो कुच्छ नदी के किनारी लगाये । धिरे धिरे करके उन बच्चो का साथ देने के लीये गांव का सरपंच आया उस के बाड बाडे लोग आये कुच बुजुर्ग लोग आये सभी बच्चे का साथ देने लगे ।
पुरे गांव मे पेड के पौधे लगा दीये गाये । सबी लोगो को सरपंच ने एक्था कीया और कहा आज हमने जो पेड के पौधे लगाये इसका बहुत महत्व है । हमे हर दीन उस पौधे को पानी से सिचना है उस का जतन कर के हमे बडा करना है । आज हमने एक माहान कार्य कीया है आज का दीन एक विश्व पर्यावरण दीन है । सबी बच्चे पौधे लगा के एक बहुत अच्छा काम कीया है लोगो को पेड लगा ने के लीये जाग्रुत कीया है । आज का दीन इस गांव मे याद कीया जायेगा और हर साल इस दीन को पेड लगाते जायेगा ।
सबी बच्चे एक टीम बनायी और पुरे गांव मे जो पौधे लगाये थे उसी मे पानी डालने का काम शुरु कीया । सभी लोग अलग अलग दीसा मे चले गये और पानी डालते चले गये । देखते ही देखते पौधे बडे होते गये और पुरा गांव मे पेड पे आम ही आम दिख रहे थे गांव की आमदानी बड गई । सरपंच ने गांव मे एक बडी स्कूल बनाई एक होस्पितल बनाई । आज गांव एक बाडा शहेर बन गया था लोगो आज आम खरिद ने के लीये गांव मे आने लगे ।
कुच बच्चो का पौधे लगाने का सोच गांव कि परिसस्थित बदल गई । एक पेड काट ने पर कही सारे नये पेड लगा दीया । हमे इसी तरंहा का सोच रखना है एक के बडले 2 पेड लगा है।
short story on environment with moral
एक दीन एक लडका पास के गांव मे एक आम के पेड के साथ खेल रहा था । जब चाहे वो आम के पेड पे चड जाता था और आम टोड के खा लेता था । उस लडके को आम के पेड के साथ लगाव सा हो गया । वो लडका हर दीन उस पेड के साथ खेलता रहता था । पेड को वो लडका पसंद आ गया था वो पेड भी उस लडके साथ बहुत खेलता है ।
कुच समय सा हो गया वो लडका दिखाई नही दीया पेड उस लडके को देखने के लीये बहुत इतेजार करने लगा था । काफी समय निकल गया पेड रोता रहा किसी ने उस पेड की तरफ नही देखा । एक दीन वो लडका उस पेड के पास आत है तब पेड उस लडके को कहता हे मुझे तुम्हारे साथ खेलना है तुम्ह मेरे उपर चड जावो आम खावो । लडके ने कहा मेरे पास पैसे नही है मेरे कोलेज की पठाई पूरी करने लीये ।
पेड ने कहा तुम्ह मेरे सारे आम टोड लो इसे बेच के तुम्ह अपने कोलेज की फिस भर देना । लडके ने सारे पेड से आम उतार लीये और बैच के स्कूल की फिस भर दी । वो लडका काफि समय से उस पेड को नही मिलने गया । लेकीन एक दीन वो लडका उस पेड से मिलने के लीये जाता है । पेड उस लडके को देखते हुवे बहुत खुश हो जाता है । तब वो लडका पेड से कहता है मेरी नौकरी लग गई है और मेरी शादी भी हो गई है मेरा एक बेटा भी है । लेकीन मुझे घर बनाने के लीये लकडी चाहीये और पैसे भी कम है ।
पेड लडके से कहता है तुम्हे मेरे सारी डालि काट के बेच के अपना घर बनालो । लडके ने पेड से सारी दाली काट लीया और अपना घर बना लीया । काफी समय निकल जाता है वो लडका दिखाई नही दीया । वो पेड अब सुखा पड गया था उसकी और कोई दिखता भी नही था ।
एक दीन उस पेड के पास एक बुजुर्ज जाता है तब पेड से कहता है आप मुझे जान्ते है मे वही लडका हु जो बचपन मे आपके साथ खेलता था। आपने मेरी स्कूल फिस भरने मे मदद कीया है । अपने मुझे घर बनाने के लीये मदद किया है । अब मुजे आपसे कुच नही चाहीये बस आपके पास बेथना चाहता हु । आपसे बात करना चाहता हु । आपकी गोडी मे सोना चाहता हु ।
यह सुंन्के पेड मे जान आ गई और वो पहले जैसा हो गया । पेड पे पत्ते आ गये । और फिर से हरा भरा हो गया था ।
दोस्तो हमे भी पेड लगाना होगा हमे परियावण की रक्षा करनी होगी ।
short story on environment with moral in hindi
Related short Stories :=
short story on save trees in hindi
short story on tree in hindi
short story on pollution in hindi
story on importance of trees in hindi
Hi my loved one! I want to say that this post is awesome, nice written and include approximately all vital infos. I would like to see more posts like this .