दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है moral of the story man of destiny के बारे मे हमे यकिन है | Man of destiny in hindi बहुत पसंद आयेगा | Man of destiny
मैन ऑफ डेस्टिनी- moral of the story man of destiny
अभी अभी भारत के नोजवान भारतिय सैनीक़ मे जॉइन हुवे थे । दोनो ही तरफ से लडाई हो रही थी जो अनुभवी थी वो दुसरी जगह पे गये थे और दुसरी तरफ से हमला हो रहा था इस लीये नोजवान जोईन होने के दुसरे ही दीन उन्हे एक लडाई करने क़े लीये भेज दीया ।
नोजवान के साथ एक भारतीय जनरल था उन्होने विपक्षी सैनिको पे पहेले हमला करने का फैसला कीया । जनरल को लगता था की मेरी सेना बहुत बडी हे और विश्वास आपनी जित का था, लेकीन नोजवान सैनिको को संदेह था उन्हे विश्वास खुद पे नही था ।
जनरल सभी नोजवान को साथ लेके आगे बड रहे थे तब रास्ते मे एक धार्मिक स्थल पर रुके । और सभि ने प्रार्थना कीया जनरल ने कहा मे एक सिक्का टोस के लिये उछालुंगा यदी टेल होगा तो हमारी हार होने वाली है यदी हैड होगा तो हमारी जित होगी ।
जनरल ने सभी नोजवान के साम्ने हवा मे सिक्का उछाल दीया । सिक्का निचे आया और सभी ने उत्सुकता से देखा । यह हैड है । हैड आने की वजह से सभी सैनिको को अपने उपर इतना विश्वास हो गया की सभी नोजवान डटकर हमला करने लगे और दुमनोको हारा दीया और विजय बने ।
लडाई मे जित होने के बाद एक लेफ्टिनेट ने जनरल के लिए टिप्पणी की “भाग्य को कोई नही बदल सकता है” ।
सभी नोजवान अपनी जित की खुशी मना रहे थे तब जनरल ने लेफ्टिनेट को सिक्का दिखाया जिसमे दोनो तरफ हैड ही था ।
Moral of the story for kids
एक जंगल में गाय घास चर रही थी । तब उसे पानी की तलब लगी तो वो पानी पिने के लेये एक दल दल मे गयी पानी पिते पिते वो दल दल मे फस गई । गाय ने बहुत कोशिश किया लेकिन काफी समय हो गया था वो वहा से निकल नही पाई ।
एक चोर वहा से गुजर रहा था । तब गाय ने चोर से कहा मुझे बहार निकालो मे तुम्हे बहुत सारा धन दुंगी लेकीन चोर ने गाय की बात नही सुनी और चोर दल दल मे गाय थी उस पे पाव रख ते हुवे दुसरे किनारे पोहुच गया । चोर को गुफा मे कुच धन मिला और गुफा मे गुम हो गया ।
थोडी देर के बाद एक शिकारी वहा पे आया । गाय ने कहा मुझे बाहार निकालो मे तुम्हे शिकार करने मे मदद करुगी लेकिन शिकारी ने गाय पे पाव रखते हुवे निकल गया । और शिकारी का एक वाघ का शिकार हो गया ।
कुच समय के बाद एक साधु वाहा से गुजरा । साधु ने बहुत कोशिश किया गाय को बहार निकाल ने मे लेकिन वो साधु गाय को बहार निकाल नही पाया । साधु ने गाय से कहा की मुझे बहुत दुर तक जाना है इस लीये मे तुम्हे बहार निकाल नही पावुगा और मेरी तबीयत बहुत ज्यादा खाराब है मुझे पहाडी चोटी मे जाना है वाहा जावुगा तबी मेरी तबीयत मे सुधार आयेगा साधु वहा से निकाल गया ।
एक चरवाहा वहा से गुजर रहा था तब उसने देखा की एक गाय दल दल मे फसी हुवी है तब चरवाहा ने गाय को बहार निकाला । चरवाहा ने गाय से पुछा तुम्हारा कोन मालिक हे तो गाय ने कहा कोई नही । तो चरवाहा ने गाय को घर ले जाने का फेसला किया।
रास्ते मे गुफा मे से चोर देख रहा था एक चरवाहा गाय को ले जा रहा था । तब चोर ने बहुत आवाज लगाई मेरी मदद करो लेकीन आवाज वाहा तक पोचु नही पाती है चोर को मेह्सुस हुवा की में ने गाय को बहार नही निकाला इस लिये मे आज गुफा मे बंद हो गया हु ।
आगे की और चरवाहा पोहुचा तब उसे वहा पे कुच हड्डी गीरी हुवी देखाई दी । शीकारी का एक वाध ने शिकार कीया था ।
एक पाहाडी से चरवाहा गाय को लेके गुजर रहा था तब उसे साधु मिला । साधु ने गाय से कहा मेरी तबीयत आज बहुत अच्छी है । मुझे बीमारी का ईलाज मिल गया है । साधु ने गाय का आशीर्वाद लीया ।
पाहाडी को पार करने के बाद चरवाहा घर पोहुचा तो देखा की उसका घर घर ना रहा बलकी एक महेल बन गया था । चरवाहा उस गाय की बहुत सेवा करने लागा । चरवाहे को कर्म का फल मिल गया चरवाहा का भाग्य बन गया था ।
Moral of the story in hindi
एक बहुत बडा राजा था राजा को चिंता थी मेरी तो दोनो ही बेटी है मेरे मरके बाद कोन मेरी गद्दी पे बेठे गा । राजा ने एक दीन दोनो को पास बुलाया और पहले बडी बेटी से पुछा तुम्ह किस के कर्म से हो और किसके भाग्य से हो । तब बडी बेटी ने जवाब दीया पिताजी मे आपके कर्म से और आपके भाग्य से ही हु ।
राजा अपनी छोटी बेटी को पास बुलाते है और पुछते है बेटी तुम्ह किस के कर्म और किस के भाग्य से हो तब छोटी बेटी ने जवाब दीया मे मेरे कर्म से और मेरे भाग्य से हु क्यु की मेरे भाग्य मे क्या है वो आप नही जान सकते ।
राजा को बहुत गुस्सा आया और मंत्री को कहा की रास्ते मे जो कोई मिले उसे महेल ले आवो एवम पशु भी । मंत्री जी को रास्ते मे एक बंदर मिलता है बंदर को माहेल ले जाते है और छोटी बेटी की शादी करवाते है ।
राजा आपनी बडी बेटी के लीये एक राजकुमार से धाम धुम से शादि करवाते है । दोनो बेटी की शादी कर के दोनो को बीदाई दे देते है । बंदर सुबह के पुरे दीन पेड पे बेठ के फल खाता था जब रात होने आई तो उसे उपर पेड पे चदने को बोला । तब उन्हो ने मना कर दीया बंदर पेड की निचे एक गुफा मे ले चलता है । पेड की निचे एक बडा सा महेल होता है वहा महेल मे जाके बंदर एक राजकुमार बन जाता है । तब वो पुछती है ये क्या है तब राजकुमार ने कहा की समय आने पर सब कुछ बता दुंगा ।
बंदर दिन मे पेड पे रहता है और रात मे महेल मे रहता है । एक दीन छोटी बेटी को एक चिथ्थी मिलती है उस मे लिखा था की बंदर की खाल जला देने से वो राज कुमार बन जाये गा । छोटी बेटी ने जाब बंदर सो रहा था तब खाल जला दीया और वो राज कुमार बन गया ।
बडी बेटी का पती एक लडाई मे अपना सब कुच खो देता है वो एक जुपडी मे रहता था आब ।
राजा को अपनी दोनो बेटी के बारे मे चिंता होने लगी राजा दोनो बेटी का हाल देख ने के लिये निकल पडे । राजा बडी बेटी के महेल के पास जाता है तब राजा को पता चलता है की उसका बडा दमाद एक लडाई मे अपना सब कुच हार गया है और अब एक जुपडी मे रहता है ।
राजा अपनी छोटी बेटी के पास जाता है तब वहा पे पेड नही था बलकी एक महेल था । महेल मे जाके देखता है उस की छोटी बेटी एक राजकुमारी बन गई है । तब राजा राज कुमार से पुछता है ये क्या हुवा । तब राज कुमार ने कहा की बच्पान मे मेने एक साधु की लाठी चुरा लीया था तब साधु ने मुझे स्राप दीया । इसी कारण मे बंदर बन गया था । और मे इस के बारे मे किसि को बता नही सकता था । लेकीन राज कुमारी ने एक चीथ्थी पड के मुझे बंदर से राज कुमार बाना दीया और मेरा सब कुच पहले जेसा हो गया ।
राजा को तब पता चला की छोटी बेटी को खुद का कर्म और खुद का भाग्य से मीला है ।
दोस्तो मुजे यकिन है कि Moral of the story आप को पसंदआयि होगि । यह man of destiny story आपको कोइ भुल करने योगियाता लग्ता है तो हमे कोम्मेंट करके बाताये और आपको कहनिया Moral of the story for kids लिखने खा पसंद हो तो Man of destiny in india या Moral of the story in hindi ईमैल कर सकते हो | man the master of his own destiny story