सच्चे दोस्त की कहानी || sad friendship short story in hindi

दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है Sad Friendship short story in Hindi के बारे मे हमे यकिन है | friendship story in hindi बहुत पसंद आयेगा Heart touching story hindi

sad friendship

 

sad friendship short story in hindi

 

एक गांव मे राजु और सोमु रहते थे वो दोनो बहुत अच्छे दोस्त थे । साथ मे स्कूल जाते थे साथ मे खेला करते थे । इन दोनो की दोस्ती बहुत पक्की थी कही भी जाना हो तो दोनो साथ साथ जाते थे । साथ मे किताबे पठते थे साथ मे खाना खाते थे ।

एक दीन स्कूल मे रेस की स्पर्धा हुवी दोनो ने भाग लीया था । जो इस रेस मे जितेगा उसे एक साइकील मिलने वाली थी । राजु ने सोमु को कहा मे इस रेस को जितुगा तो तुम्हे साइकील चलाने के लीये दुंगा । सोमु ने राजु से कहा मे इस रेस को जितुगा तो तिम्हे साइकील चलाने के लिये दुंगा । लेकीन ये रेस हम दोनो मेसे एक को जितना होगा ताभी हमे साइकील मिल सकती है।

रेस कि शुरुआत हुवी सभी लोग रेस मे डोद रहे थे लेकीन रेस के बिच मे सोमु गिर गया । राजु से सोमु को निचे गिरा हुवा देखा नही गया इस लीये वो भी डोदते हुवे रुक गया और तुरंत सोमु को कहा चलो उथो हमे इस रेस को जितना है । सोमु ने कहा राजु तुम भागो मे आब डोद नही पावुंगा । तुम्हे ये रेस को जित ना है । हमारे लीये साइकील को जितना है।

 

राजु ने तुरंत वहा से डोदना शरु कीया लेकीन राजु ने बहुत देर कर दीया था इस लीये वो हार गया । दोनो दोस्त निरास हो के घर चले गये । राजु दो दिन तक सोमु से मिलने नही आया । केलिन राजु को लगा मे क्यु सोमु से उदास हु । मेरा दोस्त गिर गया था इस लीये वो डोद नही पया लेकीन मे तो सहि सलामत था मेतो डोद सकता था । ये मेरी गलती है मुझे सोमु से माफी मांगनी चाहीये ।

राजु सोमु के घर जाता है लेकीन घर के बाहार तो ताला लगा था । राजु ने घर के बाहर एक दादाजी बेथे हुवे थे उंको पुछा उंन्होने कहा के सोमु के पिताजि को शहेर मे नौकरी लग गई है इस लीये उन्को शहेर जाना पडा । राजु उदास हो के घर चला गया । वाहा सोमु राजु से ना मिल पाने के कारण उदास रहता था । स्कूल मे नये दोस्त के साथ उसे अच्छा नही लगता था । वो हमेसा राजु को याद करता रहता था ।

 

राजु कुच दिन स्कूल जाता है लेकीन वहा सोमु के बगेर मंन नही लगता है कुच समय के बाड पिताजी का मुत्यु हो जाने के बाद राजु ने पठाई छोड दीया और मां के साथ खेती करने लगा । काफी साल नीकल गये दोनो अब बडे हो गये थे । सोमु एक पोलिस वाला बन गया था और राजु खेती कर रहा था ।

लेकीन सोमु की नौकरी उसी गांव मे हुवा इस लीये फिर से वो उस गांव मे आ गया । सोमु गांव मे आतेही पहले राजु को मिलने के लीये जाता है । राजु के बारे मे पता चलने के बाड सोमु की आंखो मे आसु आने लगे । सोमु राजु को मिलता है और दोनो एक दुसरे को देख ने बाड रोने लगते है । राजु ने केवल यह कहा मेरे दोस्त अब तुम्ह मुझे छोड के मत जाना । अब हम साथ ही रहेगे कभी हम अलग नही होगे ।

दोनो दोस्त एक दुसरे से ना मिल पाने के कारण बहुत उदाश रहते थे । आखिर कार दोनो दोस्त के बीच मे खुशी का महोल आही गया ।

 

 

two friends short story with moral in hindi

 

 

आज के समय मे दोस्त की कोइ किमत नही होती है पैसे के कारण एक दोस्त दुसरे दोस्त की दोस्ती भी नाही देखता है एक दुसरे के दुशमान बन जाते है । ये कहानी इसी प्राकार की है दोनो दोस्त साथ मे पठाई पुरी करने के बाड । घर से कुछ पैसे मांगे आपना कारोबार खडा करने के लीये । वो दोनो का नाम था राम और श्याम

राम के पास ज्यादा पैसे थे इस लीये वो ज्यादा पैसे लाया और श्याम के पास कम पैसे थे इस लीये वो कम पैसे लाया । कुच साल के लीये कारोबार अच्छा नाही चल पाया इस लीये राम ने कहा ये मेरे बस की बात नही है तुम्ह ही अब देखो ये कारोबार । यीसा कह के राम श्याम को छोड के चला गय ।

श्याम ने जितोर मेहन्त करने लगा पैसे ना हो पाने के कारण वो कही लोगो के पास पैसे लेता है । लेकीन काफी समय हो जाता है मुनाफा नही होता है । श्याम ने अपने दोस्त राम को फिर से बुलाने लगा दोस्त तुम्ह आ जाव मुझे तुम्हारी बहुत जरुरत है । लेकीन वो राम नही आता है ।

 

श्याम ने हार नही माना था । अपना खुद का घर बेच दीया और सारे पैसे कारोबार मे लगा दीया । लेकीनेक दीन येसा आया उसे बहुत सारा ओडर मिल गया था श्याम बहुत खुश होने लगा अपने दोस्त राम को बुलाके उसे कहा मुझे बहुत अच्छा ओडर मिल गया है । लेकीन श्याम ने कही लोगो के पास से पैसे लीये थे पैसे ना चुकाने के कारण कुच लोग पोलिस को लेके आये और श्याम को पकडवा दीया ।

श्याम ने बहुत विन्न्ती कीया लेकीन पोलिस नही मानी । उस की मां पोलिस स्टेशन आके कहती है बेटा घर से मुझे निकाल दीया है अब मे कहा जाव कहा रहु । श्याम पोलिस के पास से कुच समय लेके आता है वो राम के पास जाता है लेकीन कही दीन गुजर गये थे राम ने सारा पैसा ले लीया था कारोबार अपने नाम पे कर दीया था श्याम को एक पैसे नही दीया । श्याम अपने दोस्त राम से बहुत उडास हो गया था । उसे पता नही चल पा रहा था की अब मे क्या करु कहा से पैसे लावु केसे मे मेरा घर को छुडा वु । श्याम अपना सामान लेने के लीये अपने केबीन मे गया वहा पे श्याम ने खिद की से खुद के अपनी जान ले लीया ।

 

उसका दोस्त राम ने पैसे के लालच मे एक सच्चे दोस्त को जान देने के लीये मजबूर कर दीया था । आज वो कारोबार चल नही पाया और बंध हो गया वो दोस्त राम आज रास्ते पे आ गया । किसी की मेह्न्त को छीन लेने के बाड यही होता है । उपर वाला सब कुछ देखता है किसे क्या देना वो सब कुच जान्ता है इस लीये हमे किसी का मेह्न्त का पैसे नही लेना चाहीये ।

 

 

 

दोस्तो मुजे यकिन है कि Best Friendship Story in Hindi आप को पसंद आयि होगि । यह Friendship Stories in Hindi आपको कोइ भुल करने योगियाता लग्ता है तो हमे कोम्मेंट करके बाताये और आपको कहनिया Story on True Friendship in Hindi लिखने का पसंद हो तो True Friendship Story in Hindi या Dosti Short Story in Hindi ईमैल कर सकते हो  | a story of true friendship in hindi

 

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