दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है story of shravan month in hindi के बारे मे हमे यकिन है । Sawan somvar vrat katha in hindi अपको बहुत पसंद आयेगा | Somwar ki kahani
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shravan somvar |
story of shravan month in hindi
ये कहानी ये एक गरीब परिवार की उस परिवार मे केवल दो लोग थे मां और उस की एक बेटी । बेटी का नाम मोनी है । मां मोनी को बहुत मेहनत करके पठाई लिखाई करवाती है । मोनी को पठाई करने का बहुत सोख था । मोनी को अपनी स्कूल मे अकसर पहला नंबर आया करता था ।
जब मोनी ने स्कूल के बाद कोलेज की पठाई पूरी की कोलेज मे भी अच्छे नंबर आये थे । लेकीन मोनी को कही नौकरी नही मिल पाई । मां और मोनी बहुत उदास होने लगे थे । बस मोनी सुबह उथ के शिवजी के मंदीर मे साफ सफाई करके आती है और मां को खेती करने मे मदद करती है । इसी तरहा दो साल निकल गये । मोनी को कही नौकरी नही मिली थी ।
एक दीन घर के बाहर एक फकीर बाबा भिख मांग ने को आया वो कहता हे मुझे कुच खाने को दे दो । तब मोनी घर के बाहर आती है और बाबा को कहती है बाबा आज कुच खाने को नही बना है घर मे । बाबा ने कहा कुच पैसे दे दो मे बहार जाके खा लेता हु । मोनी ने मुस्कूराते हुवे बाबा से कहा बाबा क्या आपभी मेरे साथ माजाक कर रहे है । आज हमारी इतनी परिस्थीती खराबा है की हमारे पास अनाज का एक दाना खरीद ने का पैसे नही है ।
मां घर के बाहर आती है बाबा को कहती हे मोनी ने सही बात कीया है हमारे पास कुच नही है हम खेती करके हमारा जिवन बिताते है । मेंने मोनी को बहुत मेहनत करके पठाई लिखाई करवायी है लेकीन अभी तक कही पे नौकरी नही मिली है । हमारे पास कुच नही है आपको देने के लीये ।
बाबा ने कहा बेटा उदास मात होना ये सब कुच शिवजी देख रहे है आप शिवजी की पूजा करो । मां ने कहा मोनी शिवजी की बहुत बडी सेवक है लेकीन पता नही शिवजी क्यु नही क्रुपा दिखाते है । बाबा ने कहा सावन महीना आ रहा है इस लीये मोनी बेटा आप सावन सोमवार व्रत करने शुरु कर दो । सावन सोमवार व्रत लाभ कही है एक ना दीन शिवजी आपको जरुर देंगे ।
मोनी ने सावन सोमवार व्रत करने शुरु कर दिये हर दीने मोनी शिवजी को पानी चडाती है फुल लगाती है । इसी तरहा हर दीन करती है । आखीर जब सावन सोमवार का आखरी दीन था तब मोनी के घर एक टपाली एल कागज लेके आया । मोनी ने वो कागज खोला मां ने कहा क्या है मोनी बेटा । मोनी ने कहा ये मेरा नौकरी का लेटर है जो मुझे पास के गांव मे स्कूल हे वहा पे टीचर की पोस्ट मिली है । मां ने शिवजी के तरफ देखते हुवे कहा मोनी बेटा ये सब शिवजी की लिला है । हम पहले शिवजी को ध्यनीवाद कह के आते है ।
मां और मोनी ने शिवजी को फुल और पानी चडाया। मां ने शिवजी को कहा आपका बहुत बहुत ध्यनीयावाद मेरी बेटीका जीवन आपके कारण सर सफल हुवा है । मोनी ने भी शिवजी को ध्यनीयावाद कहती है ।
इसी तरहा मोनी हर दीन शिवजी की पूजा करती है देखते ही देखती मोनी के घर मे काफी सारी अनाज की बूरी आ जाती है । घर अच्छा सा बन जाता है । मोनी का जीवन पूरा बडल गया । अब मोनी और उस की मां बहुत खुश है ।
शिवजी आपने सावन सोमवार व्रत करने वाली मोनी को सफल बनाया है इस तरहा दुसरे कही लोग है जो आपके भक्त है आपकी दीन रात सेवा करते है सच्चे मंन से आपको मांते है वो आज बेरोजगारी का जीवन जिते है । आप उसी पे अपनी क्रूपा दिखाये और उसका जिवन ध्यनीय बनाये ।
sawam somvar vrat katha
एक गांव मे गरीब किशान रहता था किशान की पत्नी और उस का एक बेटा था । वो एक आंख से देख नही सकता है । किशान के पास इतने पैसे नही है की जो बेटे की आंख का इलाज करवा सके । मां अकसर बेटे को शिवजी के मंदीर ले जाया करती थी । लेकीन बेटा मंदीर मे नही जाता है बहार खीलोने की दुकान देखता रहता है । मां ने कही बार कहने परभी बेटा मंदीर के अंदर नही आता है । इस लीये मां अकेली ही मंदीर मे शिवजी की पूजा करती है ।
एक दीन मां बहुत परेशान हो गई थी अपने बेटे की एक आंख से नही देखने के कारण । स्कूल मे सभी बच्चे उसको परेशान करते है इस लिये वो स्कूल नही जाता है कही बाहर खेल ने के लीये भी नही जाता है । वो शिवजी के पास आके रोनी लगती है । तब एक बुजुर्ग आता है और कहता है बेटा क्या हुवा तब मां ने कहा मेरा एक बेटा है वो एक आंख से देख नही सकता है और हमारे पास इतने पैसे भी नही है जो मेरे बेटेका मे इलाज कर सकु ।
बुजुर्ग ने कहा बेटा सावन सोमवार आ रहे है तुम्ह हर दीन अपने बेटे को शिवजी के मंदरी मे लेके आया करो और आपको सावन सोमवार व्रत करने होगे । मां ने कहा थिक हे मे हर दीन अब येसे ही करुगी ।
मां ने सावन सोमवार व्रत कर ने शुरु कर दीया मां अब सावन मे अपने बेटे को मंदीर मे ले आने लगी और बेटे को शिवजी के चरणो मे सिर जुकाने को कहती है । इसी तरहा हर दीन मां और बेटा शिवजी के मंदीर आने लगे । जब सावन का आखरी सोमवार था तब बेटे ने सच्चे मंन से शिव्लिंग पे अपना सिर रखा तुरंत ही वो बेटा दोनो आंखो से देखने लगा ।
बेटा ने मां को कहा मां मे देख सकता हु मेरी आंख लोट आयी है । मां और बेटा दोनो बहुत खुश होने लगे । मां ने शिवजी को बहुत ध्यनीयावाद कीया और बेटे ने भी शिवजी को कहा अब से मे हर दीन मंदीर मे पूजा करने के लीये आया करुगा ।
बेटे ने मां को कहा अब मे स्कूल जा सकता हु । अब मुझे कोई नही अंधा कहेगा । मे कही भी जा सकता हु । बेटा अब स्कूल जाने लगा । शिवजी की पूजा करने लगा देखते ही देखते वो एक सफल बन गया ।
शिवजी आपकी लिला कही प्रकार की है आप इसी तरहा सभी पे अपनी क्रूपा बनाये रखे और हमे सफल बनाते रहे ।
बैल पत्र का महत्व
(Bel Patra Ka Mahatva)
बैल पत्र का शिव उपासना में विशेष महत्व हैं. कहा जाता हैं एक डाकू अपने जीवन चलाने के लिये कुच व्यापारी को लुट लेता है. एक बार वो रात्रि के समय एक पेड़ पर बैठ कर व्यापारी लोगो का इंतजार कर रहा होता है लेकिन काफि समय बित जाता हैं वहा पे कोई नहीं आता. तब डाकू के हृदय में अपने दुर व्यवहार को लेकर पश्चाताप का भाव उत्पन्न होता हैं और वो खुद को कोसता है उस पेड़ के पत्तो को तोड़ – तोड़ कर वो नीचे फेकता रहता हैं. वह वृक्ष बैल पत्र का होता हैं और उस वृक्ष नीचे शिव लिंग स्थापित होता हैं. डाकू के द्वारा फेका गया एक एक पत्ता शिव लिंग पे गिरता हैं और डाकू के करुण भाव के कारण उसमें एक सच्ची श्रद्धा का संचार होता हैं, जिससे प्रसन्न होकर भोलेनाथ डाकू को दर्शन देते हैं और उसकी दुख दर्द को समाप्त कर के उसे सही राह दिखाते हैं. इस प्रकार बैल पत्र के कही विशेष महत्व हैं.
bel patra for shiva
दोस्तो हम भी शिवजी को बडे मंन से सच्चे मंन से पूजते है । हम हर दीन शिवजी को मेडीटेशन के जरीये याद करते है शिवजी को देखने का प्रयास करते है । इस तरहा हमने काफी समय से शिवजी की आराधना कीया है ।
हमारे घर के पास एक बैल पत्र वृक्ष है हम उस वृक्ष को देखा करते थे एक दीन हमे उस वृक्ष से 4 पान वाला बैल पत्र मिला । वो केवल एक नही बलकी 2 बैल पत्र मिलता है हमे 4 पान वाला बैल पत्र का महत्व पता नही था इस लिये मेंने घर मे लाके रख दीया । मेरी मां ने उस का महत्व जानने के लीये किसी दुसरे को कहा हमे ये मिला है । तब किसी ने 4 पान वाला बैल पत्र मांगने की कोशिश कीया हम ये बैल पत्र को अकबार मे फोटो खिच के छपवाते है
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bel patra 4 pan |
मेरी मां ने मुझे कहा येसा कुच लोग कह रहे है । तब मुझे 4 पान वाले बैल पत्र का महत्व जान ने कि रुची हुवी । में ने पहले तो युट्युब पे चेक कीया मुझे थोडा बहुत समज आ गया । बाद मे मेंने उस 4 पान वाले बैल पत्र को सभाल के रख दीया और मेंने शिवजी के पुजारी को सारी बात बताई । पुजारी ने 4 पान वाले बैल पत्र का महत्व बताया । इस से घर मे सुख शांन्ती बनी रहती है ।
हमारे किसी काम मे अर्चन है तो उसे साथ रखने से वो पूरा हो जाता है घर मे लक्ष्मी आती है । येसे कही मह्त्व बताया उस के बाद मुझे पुजारी ने कुच बाते कही इस तरहा मेंने शिवजी पे ये 4 पान वाले बैल पत्र को चडाया उस के बाद om-om मंत्र का जाप कीया और उसे सुध कीया । चंदन का कुमकुम टिका कीया चारो पान मे । बाद मे मेने ये
पान घर के मंदीर मे लाके राख दीया ।
मेरी मां हर दीन बैल पत्र को पानी अर्पित करती है । हर दीन बैल पत्र देखती रहती है एक दीन सुबह के समय मे मेरी मां को भी 4 पान वाला बैल पत्र मिला । हमने तुरंत शिवजी के मंदीर जाके पुजा किया और उसे घर मे लाके रख दीया है ।
सच्चे मंन से शिवजी की पुजा करने से शिवजी अपने भक्तो को जरुर चंम्तकार दिखाता है और किसी ना किसी रुप से हमे आशिर्वाद देता है ।
दोस्तो मुजे यकिन है कि Sawan maas ki katha आपको पसंद आयि होगि । यह story of shravan month in hindi आपको कोइ भुल करने योगियाता लग्ता है तो हमे कोम्मेंट करके बाताये और आपको कहनिया New 16 somvar vrat katha in hindi लिखने का पसंद हो तो First day of the Sawan Hindi या Shravan maas kaha in hindi ईमैल कर सकते हो | shravan sawan mahatva
importance in hindi.
Sawan somwar is for girls or boys
Features of Sawan month