Looking for a good moral story
एक दिन एक लडका अपनी माँ के साथ बाजार मे सब्जी या लेने के लिए जाता है । माँ ने कही सारी सबजीया लिया । लड्का बजार मे खेलो ना देखता रहता है । तब लडके को एक दादी माँ दिखाई दी ।
दादी माँ से सब्जिया का बेग उठा नही जा रहा था । ओर सारी सबजीया गिर गयी । लड्का भागते हुवे उस दादी माँ के पास गया ओर सारी सब्जीया उठाने लगा । दुरसे माँ अपने बेटे को दादी माँ की मदद करते हुवे देख के खुश हो गई ।
माँ कहती है दादी माँ को आप यही पे बैठ जाव खेलो मेरा बेटा आपकी मदद करेगा । दादी माँ ने कहा तुम्हारा लडका बहुत होशियार् है सभी की मदद करता है । तुम्हे इसे बहुत कच्छी तरहा से सांस्कार दिया है । माँ को अपने बेटे की तारीफ़ सुनके बहुत आच्छा लगा ।
माँ ने कहा आपका घर कहा है हम आपको घर तक छोड् के आते है । माँ दादी माँ का हाथ पकड़ती है ओर बेटा दादी माँ का बेग पकड् ता है बत चित करते करते दादी माँ के घर पोहुँच जाते है । थोड़ी देर दादी माँ के साथ घर बैठ ने के बाद माँ ओर बेटा अपने घर लोट जाते है ।
घर जाके माँ ने बेटे से कहा तुम्हे आज क्या खाना है आज मे तुम्हारे मन पसंद खाना बनावुगी । बेटे ने कहा मुझे आज गजर का हलवा खाना है । माँ ने कहा ठीक है आप बाहर खेल के आवो मे आपके लिए गजर् का हलवा बानाके रखुगी ।
मोरल : – दोस्तों हमे भी किसी की मदद करते रहना है । टाकी माँ ओर पापा को गर्व मेहसुस् हो ।
Good Moral stories
एक दादी माँ हॉस्पीतल से अपने धर आ रही थी । लेकिन दादी माँ के चश्मे का एक गलास टूट गया था इस लिए दादी माँ धीरे धीरे चलरही थी । रास्ते मे कुछ बच्चे स्कूल से छुट ने के बाद् धर जा रहे थे । बच्चो ने देखा दादी माँ चल नही पा रही है । तब सारे बच्चे मिल के दादी माँ की मदद् कर् ने लगे । दादी माँ ने सभी को कहा मुझे धर जाना है । तो बच्चे लोग ने दादी माँ को धर पोहुचा दीया । धर पहुँच ते दादी माँ ने सभी को चौकलेट दिया ओर खेल ने केलीये एक क्रिकेट बेट दीया । सभी बच्चे बहुत खुश हो गये । ओर अपने अपने धर चले गये । धर जाके बच्चे ने माँ ओर पापा को सरी बात बताई ।
माँ ओर पापा भी बहुत खुश हो गये थे । ओर माँ ने बेटे को एक चौकलेट ओर अच्छा खाना बनाके दीया ।
मोरल : – किसी की मदद करने से हमे खुशी मिल ती है । अप भी किसी की मदद कीजिये आपको भी खुशी मिलेगी।
short stories on grandparents in hindi
एक परिवार मे कही लोग रहते थे। सभी लोग मिल जुलजे रहते थे। माँ घर के काम मे व्यस्था रहती थी। पापा काम की वजह से बाहर रहते थे। बेटा अक्सर दादाजी के साथ बैठ के खेला करता था। एक दिन माँ और पापा बैठे हुवे थे तब बेटा एक प्लाटिक की एक बड़ी बोतक लता है और से कटने लगता है। तब पापा बेटे से पूछता है बेटा यह तुम्ह क्या कर रहे हो। तुम्हारे पास इतने खिलौने है उस से खेलौना तुम्ह।
तब बेटा कहता है आप दादाजी से खाते समय बर्तन टूट जाते है तब आप दादाजी को खिजाते है और आप ददजीको पतीले मे खाना देते है। इस लिए मे आप के लिए यह प्लाटिक का बर्तन बना रहा हु इस से टूटने का कोई भई नही रहे गा।
माँ और पापा अब सारी बात समझ गये और अब से दादाजी को अच्छे तरहा से रखते है और सभी मिल जुलकर खाना खाने लगे।
Moral story:- कुछ बाते ऐसी है जो हमे अपने आप समझ लेनी चाहिये।