दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है short story on parishram in hindi के बारे मे हमे यकिन है Parishram hindi short story बहुत पसंद आयेगा | parishram in hindi
Short story on parishram in Hindi
एक छोटा सा गांव था वहा पे एक राजु और मोनु नाम के दो दोस्त रहते थे । उन दोनो ने कही जगह काम करने के लीये गये लेकीन किसी ने वो दोनो को काम नही दीया । वो दोनो सोच मे पड गये थे अब हम क्या करे हमे कोन पैसे देगा ।
वो दोनो गांव के चौराहे पे बेठ के बात कर रहे होते है वहासे एक जमीनदर गुजरता है राजु और मोनु की बात सुंके जमीनदार रुक जाता है और उन दोनो से बात करने लगता है । राजु ने जमीनदार को सारी बात बताई हमे पैसे की बहुत जरुरत है हम दोनो कही जगह पे काम देखने के लीये गये लेकीन किसी ने हमे काम नही दीया ।
जमीनदार ने कहा ठीक है ये लो कुच पैसे आप दोनो बाट लेना । राजु और मोनु पैसे देखके खुश हो गये थे । राजु केहता है हम इन पैसे से व्यवसाई शरु करते है । तब मोनु कहता है हम इस पैसे से गुमने फिर ने के लीये जाते है । राजु ने मना कर दीया हम इस पैसे को बरबाद नही कर सकते हमे इसे सही काम मे इसतेमाल करना चाहिये । लेकीन मोनु राजु की बात नही मानता है और कही गुमने के लीये चला गया ।
राजु गांव के चोराहे पे एक सबजीमार्केट की दुकान खोली देखते ही देखते कुच ही समय मे फेम्श हो गई । उसे काफि सारा मुनाफा हुवा और मोनु कही दिनो तब गुमने के बाद गांव आता है तब उसे पता चलता है की राजु ने एक बडी सी दुकान खोली है और काफी अच्छा मुनाफा कमा रहा है ।
तुरंत मोनु राजु के पास जाता है कुच पैसे मांग्ता है लेकीन राजु ने साफ मना कर दीया । वो दोनो अब जमीनदार के पास जाते है । राजु कहता है ये लो आपके पैसे मेंने आपके पैसे व्यवसाई सबजीमार्केट खोल मे लगाये है और मुझे अच्छा मुनाफा हुवा है । जमीनदार ने कहा ये तुम्हारा परिश्रम और मेहनत के कारण आज तुम्हे कामीयाबी मिली है । तब मोनु कहता है मुझे माफ कर दीजीये मेंने सारे पैसी गुम्ने फीर ने मे बर्बाद कर दीये है । मे आपसे जूठ बोलने वाला था लेकीन मे जूठ नही बोल पाया ।
जमीनदार ने मोनु से कहा ठीक है तुम्हारा स्वभाव अच्छा है जो तुम्ने जूठ नही बोला ।ये लो कुच पैसे व्यवसाई तुमभी खोलो । मोनु ने गांव की होस्पीटल के सामने फलमार्केट की दुकान खोल दीया । देखते ही देखते मोनु अच्छा मुनाफा कमाने लगा।
राजु और मोनु ने सच्चे मंन से मेहनत कीया और आज उन दोनो का परिश्रम कामीयाबी मे बदल गया ।
Parishram hindi short story
एक गांव था उस गांव मे एक टीचर था वो कही बच्चो को मुफ्त मे अभ्यास कराया करता था । टीचर के पास कही लोग अभ्यास करने के लीये आया करते थे । लेकीन उन बच्चो मेसे एक बच्चा येसा भी था जो पथाई लिखाई मे बिलकूल कमजोर उसे कुछ भी याद नही रहता था ।
कही बच्चे उसे परेशान करते थे । एक दीन टीचर ने उस बच्चे को कहा तुम्हे तो मेंन्ने कितनी बार समजाया है सिखाया है लेकीन तुम्हे तो कोई फरक नही पडता है । तुम्हारा मे क्या करु तुम एक काम करो वापस अपने गांव चले जाव अपने पिता की मदद करो ।
दुसरे दीन वो बच्चा अपने गांव जाने के लीये निकल पडा । रास्ते मे चलते चलते वो थक गया उसे भुख लगी एक पेड के छायेमे बेठ गया और खाने लगा । खाने के पास उन्हे पानी की तलब लागी आस पास देखा कुच महीला कुवेसे पानी निकाल रही है ।
वो तुरंत उन लोगो के पास गया और पानी पिने के लीये मांगा । पानी पिने के बाद उस बच्चे ने महीला से कहा आपने सही बुध्धी लगाई है पानी निकल ने के लीये गडरी बनाई है । महीला उस बच्चे को देखते हुवे मुस्कूराने लगी और कहती है ये हामने नही बनई है ये खुद ब खुद बन गई है । इस कुवेसे कही लोग पानी निकालते है इस लीये वो खुद बन गई है ।बार बार रस्सी से पानी निकाल ने के कारण गडरी बंन गई है ।
वो बच्चे ने कहा ये सच है मुझे भी मेहनत करनी चाहीये बार बार कोशिश करनी चाहीये मुझे दीन रात परिश्रम करना चाहीये । तब जाके मुजे विधीया मिल सकती है मे कामीयाब बन सकता हु । मुझे वापस टीचर के पास जाना चाहीये । टीचर के पास जाके बच्चे ने कहा मुझे सिखना है आपके पास से विधीया लेना है । टीचर ने उस बच्चे की बात सुंके अच्छा लगा और उसे सिखाने लगे ।
दिखते ही देखते वो बच्चा बडा होके टीचर बन गया और काफी लोगो को सिखाने लगा और कही लोगो को जिवन मे कामीयाबी के रास्ते पे ले गया ।
कामयाबी पर कहानी
मौके पर कहानी
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