जादुई ड्रेस की कहाँनी || summary of the story jaadui golden part

दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है Summary of the story jaadui golden part के बारे मे हमे यकिन है । Story jaadui golden बहुत पसंद आयेगा 

 

जादुई ड्रेस की कहाँनी — Story jaadui golden part

 

एक मुन्नी करके लड़की थी उसके माँ और पापा की मूत्यु के बाद वो अपनी मौसी के घर रहने के लिये चली जाती है। लेकिन मौसी मुन्नी से घर के सारे काम करवाती है। मानो वो मुन्नी वो घर की नौकराणी हो इस तरहा से मौसी बर्ताव करती है। खाने के लिये खाना नही देती है और पूरे दिन रोक टॉक करती रहती है। 

मौसी की रोशनी करके एक लड़की थी। वो अपनी माँ से कहती है इस दिवाली पड़ोसी के वहा बड़ा सा कार्यक्रम होने वाला है। लेकिन वहा पे लोग गोल्डन ड्रेस पहन के आयेगे और मेरे पास गोल्डन ड्रेस नही है। मौसी अपनी बेटी को नई ड्रेस लेने के लिये जाती है। तब मुन्नी मौसी से कहती है इस दिवाली मुझे कुछ ड्रेस लेके दीजिये। मेरे पास सब फटी हुवी ड्रेस है। 

तब मौसी कहती है तुम इस घर मे केवल नौकराणी हो तुम्हे इस घर की सारी सफाई करनी है। ऐसा कहके मौसी और रोशनी चली जाती है। मुन्नी घर के सारे काम करती है और कुच्छ बासी खाना रख के चली जाती है। 

दूसरे दिन दिवाली होती है मौसी और रोशनी कॉलर फुल कपड़े पहन के पड़ोसी के कार्यक्रम मे जाती है। मुन्नी अपने माँ और पापा की तस्वीर को देखके कहती है। माँ आज तुम्ह यहां होते तो मुझे आज ये दिन ना देखना पड़ता। आप मुझे भी अच्छी ड्रेस दिलवाती। मुन्नी माँ को देखके रोने लगती हैं। 

तब माँ कि उस तस्वीर से आवाज आती है बेटा तुम्ह रोना बंध करो। मेरी लाडली बेटी हो तुम्ह रोना नही ही तुम्हे। मुन्नी कहती है मेरे पास अच्छी ड्रेस नही है मुझे भी पड़ोस के कार्यक्रम मै जाना है। तब माँ कहती हैं बेटा तुम्हे मे एक राज बताती हूँ एक जगह ऐसी भि है वहा पे जादुई ड्रेस मिलती है। वहा पे जादुई ड्रेस की खेती होती है। 

मुन्नी खुश होके उस जादूई ड्रेस के खेत की पास जाती है और कहती है मुझे एक जादुई ड्रेस चाहिये तब खेत कहता है मे तुम्हे एक शर्ट पे देता हु यह जगह किसी लालची ईशान को नही बतावोगी। खेत ने मुन्नी को जादुई ड्रेस देता है। 

मुन्नी अब जादुई ड्रेस पहन के एक राजकुमारी की तरहा दिखाई देती है। मुन्नी जब पड़ोसी के कार्य क्रम मे जाती है तब सारे लोग मुन्नी को देख रहे थे और कही सारे लोग मुन्नी की बात कर रहे थे। मुन्नी ने अपनी दिवाली धाम धूम से मनाई। समय रहते वो वापस घर लौट आती ही। 

मौसी और रोशनी उस लड़की को देख के जलन महसूस कर रहे थे। रोशनी कहती है मैने कितना खर्चा किया है अपनी ड्रेस पे। लेकिन वो लड़की कहा से आई और मेरी सारी मेहनत खराब करके चली गई। 

अब मौसी मुन्नी को जो भी काम देती है वो मुन्नी अपने जादुई ड्रेस से तुरंत करवा देती है। खाना बना ना हो वो जात से बना देती है। कपड़े धोना हो वो भी जात से करवा देती है। एक दिन रोशनी को मुन्नी के यह हरकत पे शक हो गया। रोशनी अपनी माँ से कहती हैं। माँ मुझे मुन्नी के यह बर्ताव मे कुछ गलत लग रहा है। 

तब मौसी ने मुन्नी को कहा तुम्हे 101 लडडू बनाने है वो भी एक दिन मे और किसी की मदद नहीं लेना है। अब मुन्नी अपना जादुई ड्रेस पहन लेती है। कुच समय मे 101 लडडू बना देती है। मौसी पीछे से सब कुच देख लेती है। रोशनी और मौसी मुन्नी के पास आती है और रोशनी कहती है मैने कहथा ना कुछ तो गडबड है। 

मौसी अब मुन्नी से जादुई ड्रेस मांगती है। और रोशनी मुन्नी को मरने लगती है। तब जादुई ड्रेस एक बडीसी लकड़ी लेके माँ और बेटी को मरने लगती है। मुन्नी ने जादुई ड्रेस को मरने से मना कर दिया। 

मौसि और रोशनी मुन्नी से माफी मांगती है। अब मुन्नी को घर के सारे कम नही करने देते है। अब मुन्नी खुशी खुशी रहती ही। 

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