दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है moral of the story dadi maa के बारे मे हमे यकिन है। Dadi Maa Ki Kahani बहुत पसंद आयेगा | Best Moral Story in Hindi 

 
Moral of the story Dadi Maa

 

Moral of the story Dadi Maa

एक शहेर मे बंटी अपने पापा और माँ के साथ रहता था। पापा ने बंटी से कहा आज दादी माँ आने वाली है। यह बात पता चलते ही बंटी बहुत खुश हो गया। बंटी अब सभी लोगों को परेशान करने लगा।
बस एक ही बात लेके बैठ गया दादी माँ कब आयेगी। माँ और पापा बंटी के यह प्रक्ष न का जवाब देके थक गए थे। माँ कहती है बेटा दादी माँ को आने के बाद आराम करने देना। दादी माँ को परेशान मत करना। 

लेकिन बंटी किसी की सुनने वालो मे से नही था। बातो बातो मे समय का पता नही चला। पापा दादी माँ को लेने के लिये चले गये।अब बंटी घर के दरवाजे पे खड़े खड़े दादी माँ का इंतजार कर ने लगता है। समय ज्यादा होने लगा था लेकिन दादी माँ नही दिखाई दी।
बंटी माँ को पूछने के लिए चला गया अभी तक दादी माँ क्यु नही आई। उस वक़्त पापा घर मे आये और बैठ गये। बंटी पूछता है पापा दादी माँ कहा गई आप क्यु अकेले आये हो। तब पापा ने बंटी से कहा बेटा दादी माँ सुरेश काका के घर रुक गई। तुमह दादी माँ को बहुत परेशान करते हो ना इस लिये दादी माँ नई आई।
बंटी जोर जोर से रोने लगता है। उस वक़्त दादी माँ कुछ बोलती है। बंटी गुमके देखता है। तो दादी माँ दिखाई देती है। बंटी तुरंत दादी माँ के पास जाता है और कहता है आप तो सुरेश काका के घर रुक गई थी ना। तब दादी माँ ने कहा मे तो नीचे गेट पे वॉचमेन के साथ बात कर रही थी। तुमहारे पापा ने मस्ती किया है तुम्हारी साथ।
अब बंटी दादी माँ के साथ बैठ गया। दादी माँ ने बहुत सारे खिलौने दिये। दादी माँ बंटी को कहाँनी सुनाने लगी। बंटी कहाँनी सुनते हुवे सो गया। 
मोरल — दादी माँ हमेशा अपने बच्चो का खयाल रखती है। चाहे कितनी भी उम्र हो गई हो लेकिन बच्चो के प्रति प्रेम हमेशा रहता है। 

moral stories for adults in hindi


दादी मां चाहती थी की मेरे आँखरी दीन में मेरे बच्चे के साथ में खेलु । लेकिन इन के बेटे और बहू दोनो शहेर में चले गये थे । वो लोग गांव में आना नहीं चाहते थे । दादी मां उन्को गांव में बुलाती थी तो कुच ना कुच बहाना निकाल ही लेते थे । दादी मां ने अपने बेटे तो कहा मुझे अपने बच्चे से मिलना है तुम लोग नहीं आ पाते तो ठीक है लेकिन मेरे बच्चे लोगो को अही पे भेज दो । बेटे ने दादी मां की बात सुन्के स्कूल की छुटीया होने के बाद बच्चे लोग को गांव भेज दीया । वो दोनो बच्चे बहुत खुश थे ।
जाब दादी मां उन दोनो को देखती है तो दादी मां की आंखे नम सि हो जाती है । उन दोनो के लीये अच्छा अच्छा पकवान खिलाती है । उन लोगो के साथ बैथ के बाते करती है । जब रात होने के बाद उन लोगो को लोरी सुनाने लगती है । वो दोनो बच्चो को दादी मां के साथ रहना बहुत अच्छा लगता था ।दादी मां अपने खेतो में उन दोनो को ले जाती है हमारे जो खेत है वो दिखाने लगती है । हर रोज गाय और भेंस को चारा दाल ने के लीये ले जाती है उस के बाद उस दोनो को ताजा ताजा दुध पिने के लीये देती है ।

पुरा दीन दोनो बच्चे खेलने के बाद रात को घर आके सो ही जाते है । स्कूल की छुटीया वो दोनो गांव में दादी मां के साथ बहुत अच्छी तरहा बिताने लगे थे । वो दोनो सोचते थे की हम यही पे रहके अपनी स्कूल की आगे की पठाई लिखाई करे । क्यु की उन दोनो के ग़ांव में बहुत सारे दोस्त बन गये थे ।  

इस लीये वो दोनो शहेर में जाना नहीं चाहते थे । पापा उन लोगो शहेर में आने के लीये बहुत कहते रहे लेकिन वो दोनो नहीं गये । पापा को खुद ही गांव में आना पडा । उन दोनो को सम्जा ने लगे जब भी स्कूल की छुट्टीया होने के बाद तुम्ह लोग वापस गांव में आ जाना ।

दोनो बच्चे अपने पापा की बात नहीं सुन्ते है । दादी मां कहती है बच्चे लोग तुम्हारे पापा सही कहते है । स्कूल की छुटीया होने के बाद तुम्ह लोग आ जाना क्यु की आभी तुम्ह दोनो को पठाई लिखाई पे ज्यादा ध्यान देना है ।
वो दोनो दादी मां की बात सुनी और पापा के साथ शहेर में जाने कके लीये तैयार हो गये । दादी मां का प्यार सबी बच्चो को नहीं मिलता है ।  

 


दोस्तो मुजे यकिन है कि Dadi Maa ki Kahaniyan आपको पसंद आयि होगि । यह dadi maa ni varta आपको कोइ भुल करने योगियाता लग्ता है तो हमे कोम्मेंट करके बाताये और आपको कहनिया nani maa ki kahani लिखने का पसंद हो तो Moral of the story  ईमैल कर सकते हो | dadi maa ki kahaniyan in hindi 

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