मोटिवेशनल शार्ट स्टोरी इन हिंदी || short motivational story in hindi

दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है Short motivational story in hindi  के बारे मे हमे यकिन है। true motivational stories बहुत पसंद आयेगा | motivation story hindi  

 

 

 

हार को हराना है तो जितने के लिये खुद को मेहनत करनी होगी, 

रिकॉड बनना है तो अपने कंफर्ट जॉन से बाहर निकल ना होगा। 

 

Short motivational story in hindi

 

दो दोस्त थे एक दिन दोनो दोस्त तालाव के किनारे बैठ के बात कर रहे थे। एक दोस्त को एक रंगबे रंगी पठर मिला। दोनो ने सोच हम यह पठर को एकथा करते है और मछली घर वाले को बैच आते है। अब दोनो तालाव से पठर निकाल ने लगे छोटे बड़े छोटे बड़े इस तरहा पथर निकालते रहे। उस वक़्त एक दोस्त को बड़ा वाला रंगबे रंगी पठर मिला वो बहुत खुस हो गया। 

दूसरे दोस्त ने सोचा काश ये मुझे मिलता मे भी अच्छी कमाई कर लेता। अब उस ने जो छोटे वाले पठर एकथा किये थे उसे फेक दिये और बड़े वाले पठर को ढूँढने लगा। बडे पठर को ठूँठने ने के चक्कर मे साम हो गई साम से रात हो गई। लेकिन उसे बड़ा पठर नही मिला। 

अब दोनो घर लोट आते है और मछली घर वाले के पाछ जाके पथर दे देते है। मछली घर वाले ने बड़े पठर को 1000rs दिये और छोटे छोटे पठर के 3000rs दिये। 

तब तुरंत दूसरा दोस्त उस मछली घर वाले को पूछता है ऐसा क्यु किया बड़े के दाम क्यु कम दिये और छोटे के क्यु ज्यादा दिये। तब मछली घर वाले ने कहा मुझे छोटे छोटे पठर की ज्यादा जरूरत है बड़े पठर की कम जरूरत पड़ती है। इस लिये मैने किमंत इस तरहा से दिया। 

अब दोनो रास्ते मे बात कर रहे थे दूसरे दोस्त ने कहा काश मैने छोटे छोटे पठर को नही फेका होता और बड़े पठर की खोज मे नही गया होता। तुम्ह बहुत नसीब दार हो जो मुझे पैसे कमाये। 

तब पहले दोस्त ने कहा मैने छोटे छोटे पठर से शुरुआत किया मुझे बड़ा पठर मिला तो मैने उठा लिया। लेकिन मैने कभी भी छोटे पठर को उठाना नही छोड़ा मुझे मिलते गये तो मैंने उठा लिये। 

जीवन मे हमेशा छोटे छोटे काम करते हुवे आगे बड़ना चाहिये ताकी हमे बडे काम करते समय आसफलता मिले तो हमे अफसोस ना रहे। किसी भी का को हमे अंदेखा नही करना है चाहे वो छोटा हो या बड़ा। 

छोटे छोटे काम ही हमे कामीयाबी के रस्ते पे ले जाते है। बडे काम करने जाते है तो हमे अक्सर असफलता देखने को मिलती है। इस लिये हमे शुरुआत छोटे छोटे काम करके ही करना है। कभी भी हमे छोटे कामो को छोड़ना नही है। 

 

true motivational stories

 

 

एक बार हाथी और शेर का अमना सामना हुवा। हाथी शेर से डर ने लगा । धीरे धीरे पीछे हथ ने लगा। शेर धीरे धीरे आगे बड़ने लगा। हाथी चाहता तो उस का एक पैर उठा के शेर पे रखदे तो शेर कभी भी उठ नही पता। हाथी चलता हो अपनी सुंध से शेर को 100 फुट दूर फेक दे ऐसी हाथी मे ताकत है। लेकिन हाथी का दिमाग डिफेंसिंस करना था शेर से बचना था। 

और शेर की सोच ए मेरा खाना है ये मेरा शिकार है इस पे मुझे आज अटैक्क करना है।  दोनो की सोच अलग अलग है इस लिए हाथी सबसे ताकत वर होने के बावजूद पीछे हटने लगा। किसी की इतनी ताकत नही है जो आज हाथी का सामना कर पाये उस नीचे पछाड़ सके। शेर तो उस के सामने एक चिटि की तरहा है यु पैरो से मसल दे। 

लेकिन आज के समय मे सोच अच्छे अच्छे को पीछे ले जाती है। एक सोच ही है जो हरा सकती है और जीता भी सकती है। हमे हमेशा अपनी सोच को पॉजिटिव रखना है। हमे सोच को बदल ना है। हमारा आत्मविश्वाश मजबूत रखना है। 

 

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आज के समय मे लोगो ने अपनी सोच के साथ सम्जोता कर लिया है। यह मुझसे नही होगा यह मेरे बस की बात नही है यह मेरे लायाक काम नही है। 

 

दोस्तो सोच पे छोटी सी कहाँनी है। 

 

एक सभा मे कुच लोग बैठे हुवे थे तब सरपंच ने कहा बाहर हाथी का झुंड आया है। लेकिन किसी का कोई reaction नही। किसी ने कोई हलचल नही दिखाया। 

सरपंच ने कहा शेर इस हॉल मे गुस गया है। लोगो ने तुरंत चिल्ला ना शुरू कर दिया। ये दरवाजा बंध कर दो। ये खिड़की बंध करो। भागो भागो। 

इस तरहा से सभी लोग चिल्लाने लगते। सभी के दिमांग मे गलत सोच डाल दी गई है। इस सोच को बदलना होगा हमे जीवन मे आगे बाद ने के लिये हमारी सोच को बदल ना होगा। 

कामियाबी का रास्ता हमारा इंतेजार कर रहा है हमे उठना होगा हमारी सोच को बदलना होगा। हमे मेहनत करनी होगी। तब जाके कमियाबी के शिखर पे चड पायेंगे। 

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एक लड़का था वो हर कोई चिज में कमी निकालता था । मेरी पास साइकाल नहीं थी इस लीये स्कूल में समय पे नहीं पहुच पाता हु । मेरे पास अच्छी किताबे नहीं है इस लिये में पठ नहि पाता हु । वो लड़का हर कोई बात में खामीया निकलता रहता है ।दादी मां ने उस लडके को पास बुलाया और कहा में आज तुम्हे येसी बात बताने वाली
हु जो उम्हे प्रेरणा मिलिगी । अरुणिमा सिन्हा उस का एक पैर कट गया था उस ने सात महाद्रीपो की सर्वोच्च पर्वत की चिटियो को चठने में कामीयाबी हासिल कीया था ।
 
अरुणिमा सिन्हान यह सोचती की मेरा एक पैर नहीं है में नहीं चल साकती तो आज उसे कोई नहीं जान पाता । लईन उन्होने येसा नहीं कीया हिम्म्त दीखाया और सिखर चठ गयी । क्यु उन्होने तो यह नहीं कहा की मेरे पास एक पैर नहीं है । उसने अप ने डम पे और विश्वास रखा। उस का नाम हर कोई जानता है ।
दुसरी कहानी है मंसूर अली खान पटौदी की उन्को एक आंख से दिखा नहीं जा रहा था उस के बावजुद वो क्रिकेट खेलते थे । उस का नाम हर कोई जानता है एक आंख से खेलने वाला पटौदी । उन्होने मना कर दीया होता की मुझे दिखा नहीं जा रहा में एक आंख से देख पता हु मेरी दुसरी आंख कमजोर है । तो उन्हे कोई नहीं जान पता । लेकिन उनहोने येसा नहीं कीया वो क्रिकेट खेले और आज पटौदी को हर कोई जानता है ।
बेटा तुम्हे येसा नहीं करना है तुम्हारे पास सब कुच है किसी भी चिज के लीये मना नहीं करना है । तुम्हे लडना है वि चिज करनी जो तुम्ह नहीं कर पाते है ।लडके को दादी मां की बात में सच्चाई और गहराई दिखी । लडके ने थान लीया में अब
पिछे नहीं हतुगा । में आब कामीयाब होके रहुगा । 

 

 

सोच बदलने वाली कहानी

 

 

एक दिन एक महिला कही जा रही थी। उस ने स्टेशन से चने खरीदे और एक बेंच पे बैठ गई ट्रेन काफी देर के बाद आने वाली थी इस लिए उस महिला ने अपने बैग मेसे किताब निकाली और पाठ्ने लगी। 

वो महिला किताब पठने मे इतनी मसगुल हो गई थी की उसे पता भी नही चला की अगल बगल क्या हो रहा है। उस समय एक आदमी उस महिला के पास आके बैठ जाता है। 

वो आदमी अपने बैग मे से चने निकाल ने लगा और चने खाने लगा वो महिला उस आदमी को चने खाते हुवे देख के गुस्सा आने लगता है लेकिन वो महिला अपनी किताब में ध्यान केंद्रित करती है। लेकिन उस महिला का बार बार चने के तरफ ध्यान चला जाता हैं। 

उस महिला को लगता है यह आदमी कितना बदमाश है मेरा ही चना लेके मुझे ही नही खाने को पूछता है। वो महिला अब उस के पास से चने लेके खाने लगती है उसे बहुत गुस्सा आता है लेकिन वो किताब मे ध्यान लगती है। 

आखिर मे चने केवल दो रह जाते है। उस आदमी ने एक चना अपने लिए उठाता है और दूसरा उस महिला के लिए। लेकिन उस महिला ने दोनो चने ले लेती है। 

उस वक्त ट्रेन आ जाने के कारण वो महिला ट्रेन मे बैठ जाती है। उस समय उसे अपने बैग मे चने दिखता है। वो महिला को अब पता चला की वो चना तो उस आदमी का है जो मे उसपे गुस्सा कर रही थी और मेरा चना समाज के उस आदमी का मे चना खा रही थी। 

अब उस महिला को अपनी सोच मे गिन आने लगती है और अपनी गलती के लिये माफी मांगने लगती है। 

 

दोस्तो मुजे यकिन है कि motivational story in hindi for success आपको पसंद आयि होगि । यह true motivational story in hindi आपको कोइ भुल करने योगियाता लग्ता है तो हमे कोम्मेंट करके बाताये और आपको कहनिया short motivational stories about goals लिखने का पसंद हो तो short motivational stories with moral ईमैल कर सकते हो | short motivational stories

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