motivational story on paropkar in hindi
एक शहेर मे भिखारी रहता था। वो काफी बुजुर्ग हो गया था ठीक से चल भी नही पाता था। जब वो अच्छा था तो कही लोगो की मदद किया करता था। अब उसे ठीक से दिखा भी नही जाता है।
वो दो दिन से भीख ना मांगने के कारण भूखा ही सोना पड़ता है। उसे बहुत जोर से भूख लगी थी लेकिन उसे कोई खाना लाके नही देता है। जोर जोर से चिल्लाता है मुझे खाना दो भूख लगी है।
उस वक़्त कुछ स्कूल के बच्चे उस बुजुर्ग भिखारी को चिल्लाते हुवे देखते है। तब एक बच्चे ने कहा इस बुजुर्ग भिखारी ने मेरी मदद किया था जब मे साइकल चलते हुवे गिर गया था तब मुझे उठाया था। वो बच्चे तुरंत उस भिखारे के पास जाते है उस से पूछते है क्या हुवा। तब उस भिखारी ने कहा मुझे भूख लगी है मेंने दो दिनों से कुछ नही खाया है। मुझसे चाला नही जा रहा है और ठीक से दिख नही पाता है।
वो बच्चे अब उस भिखारी के लिये भीख मांगने के लिये गये। सभी अलग अलग जाके भीख मांगने लगे। कुछ लोगो ने ऐसा कहा तुम्ह लोग स्कूल जाने के वजाये भीख मांग रहे हो। तो कुछ लोगो ने उस बच्चे लोग का पीछा किया वो क्या करने वाले है यह भीख मांगके।
तब बच्चे भीख मे मिला खाना लेके उस भिखारी के पास जाते है तब लोगो की आँखे नम हो जाती है। लोगो ने पास आके बच्चे लोगो पर गर्व महसूस कियाकिया और कहा तुम्ह लोगो ने बहुत अच्छा किया किसी का भाला करना आज के जमाने मे कम देखा जाता है। आप लोगो ने तो छोटी सी उम्र मे भालाई का काम किया है।
बच्चो ऐसे है आप लोग किसी ना किसी लोगो की भलाई करते रहो और आपको भीख मांगने की कोई जरूरत नही है। आज से हम लोग इस बुजुर्ग भिखारी को खाना देने के लिये आते रहेगे।
इस प्रकार बच्चो ने किसी की भलाई करके दूसरे की आँखे खोल दिया। सभी लोग यह देख के जरूरत मंदो की मदद करेगे।
जीवन मे हमे आगे बड़ने के लिये कुछ ना कुछ करना पड़ता है। लेकिन हमे किसी की मदद लेनी पड़ती है या किसी की मदद करनी पड़ती है। हम दूसरे के बारे मे जितना सोचते है उस की जरूरतो को पुरा करते है उतना हमे किसी ना किसी रूप मे मिल जाता हैं। यह कहानी भी ऐसी है जो दूसरो की मदद करते है।
एक दिन की बात है एक गार्डन मे लड़का बैठा था वो बहुत गरीब था उसे खाने पीने के लिये कुछ नही मिलता था। हर दिन अमीर दंपति गर्दन मे अपना वक्त बिताने के लिये आया करते थे। उन दंपति का कोई वारिस नही था। इस लिये वो अपना वक़्त निकाल ने के लिये गर्दन मे आया करते थे। वो दंपति उस लड़के को देखते है उसे अपने पास बुलाते है।
दंपति ने उस लड़के को पूछा तुम्हे क्या हुवा है क्या पेट दर्द कर रहा है कब से तुम्ह पेट पकड़ के खड़े हो जाते हो या सो जाते हो कोई दिक्कत है तुम्हे। तब वो लड़का बोला मुझे भूख लगी है कलसे मेने कुछ नही खाया है। दंपति ने पूछा तुम्हारे माँ और पापा कहा है तब वो लड़का कहता है मेरे माँ और पापा मजदूर है इस लिये काम के सिलसिले मे कही जाना पड़ता है लेकिन कल काम नाही मिलने के कारण हमे भूखा रहना पड़ा था।
तुरंत उस दंपति ने उस लड़के को कहा तुम्हारे जैसे कितने लड़के है जो भूख से तड़प रहे है उन लोगो को बुला के लेके आव। मे यही बैठी हु और तुम्हारे अंकल खाना लेने के लिये जायेंगे तब तुम तुम्हारे साथी को यही बुलालो। लड़के ने जितने भी लड़के या लड़किया थी उनको बुला के उस महिला के पास बैठा दिया।
महिला ने कहा तुम्हारे अंकल जब तक खाना नही लाके आते तब तक मे आपको एक कहानी सुनाती हु। महिलाने संघर्ष और मेहनत की कहानी सुनाई उस के बाद कुछ मेहनत करके खाने का इंतजाम करने वाली कहानी सुनाई उस के बाद पठाइ लिखाई की कहानी सुनाई। तब तक अंकल खाना लेके आगये। वो दंपति ने सारे लड़के को अपने हाथो से खाना खिलाया। उस के बाद कुछ देर तक गर्दन मे खेलने लगे।
इस प्रकार से हर दिन उन बच्चो को खाना खिलाते है और वो महिला उन बच्चों को पठाई लिखाई करवाने लगी । यह दंपति हर दिन उन बच्चों को खाना खिलाती है और पठाई करवाती है।
एक दिन उस दंपति के जीवन मे वर्षो की तापस्या के बाद महिला गर्भवती बनी। वो दंपति बहुत खुश थे। दंपति ने उन लड़को को खाना खिलाया और उसे उन लोगो के जीवन मे एक चिराग का आगमन हुवा।
दोस्तो जीवन मे हम किसी की मदद करते है तब हमे जरूर वो मदद किसी ना किसी रूप मे वापस मिल जाती है। इस लिये हमे भलाई करते रहना है। किसी के सुख दुख मे शामिल होना है।