लक्ष्य स्टोरी इन हिंदी || motivational stories with moral

दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है motivational stories with moral के बारे मे हमे यकिन है | आपको  short motivational stories with moral बहुत पसंद आयेगा । short motivational story in hindi

 

 

 

motivational stories with moral   

 

एक गांव था वहाँ पे एक रोशनी ने शहेर के राकेश के साथ शादी कीया । वो  राकेश का शहेर में  एक दुकान थी । हर साल आच्छा खासा मुनाफा कमा रहा था । वो दोनो बहुत खुश थे ।

लेकिन एक दीन येसा भी आया की दुकान की चिजे बिकनी बंध हो गई और नायी चिजे लाने के पैसे नहीं थे । वो दोनो बहुत चिंन्तीत थे । बैंक से अब पैसे भी नहीं मिल रहे थे । क्यु कि पहले जो पैसे लीये थे वो लोटा नहीं पाये थे ।

कुच दिनो को बाद वो रोशनी  अपने मां और पापा को मिलने के लीये गांव गई । वो रोशनी  चिंतिति दिख रही थी इस लीये मां और पापा ने बेटी को पुछा क्या हुवा है । तब रोशनी ने कहा की हमे दुकान में नुक्शान हुवा है और नयी चिजे लाने के लीये पैसे नहीं है ।  

मां और पापा ने बेटी को कहा की हम तुम्हे कुच पैसे देते है यह पैसे से नया सामान ले लेना । तब बेटी ने मां और पापा को कहा कुवार ये पैसे नहीं लेगे । खुद कमायेगे और दुकान में चिजे लायेगे । लेकिन आप से पैसे नहीं लेगे । मां और पापा की जिद के कारण बेटी से पैसे लेने के लीये मना नहीं कीया गया । बेटी ने कहा आप में बैंक में पैसे दाल दीजीये जब जरुरत होगी तब में ले लुंगी ।

कुच समय के बाद राकेश लेंदारो को पैसे देने का टेंशान आने लगा सभी लेंदार फोन कर रहे थे । राकेश अपनी पत्नी को कहता है । अब मेरे पास पैसे नहीं है लेंदार पैसे मांग रहे है बैंक पैसे दे नहीं रही है और मेरे पास अभी कुच पैसे नहीं है ।

तब रोशनी ने कहा आपको कुच बताना है में जब गांव गई थी तब हमारी जो हालत है उस के बारे में मां और पापा को बताया मेंने । तब पापा ने मुझे कुच पैसे दिये है । राकेश ने तुरत वो पैसे लेने से मना कर दीया ।  में जो कुच करुगा वो अपने दम पे करुगा । ये सही बात नहीं है जो मां और पापा से हम पैसे ले ।

कुच दीन के बाद गांव से मा और पापा रोशनी को मिलने के लीये आते है । तब मां रोशनी को कहती है बेटी तुम्ह तो कमजोर सी हो गई हो ना क्या हुवा है । तब रोशनी मां को कहती है मे मां बनने वाली हु इस लीये थकावत सी लग रही है।

रोशनी को होस्पिटल ने में दाखल कीया गया था डोकटोर ने राकेश को कहा ओपरेशन करना होगा । कुच पैसे लगेगे । अब राकेश टेशन में आ गाया पैसे कहा से लाये । तब मां और पापा राकेश को मिलते है और राकेश को कहते है हमने जो पैसे रोशनी को दीये थे उस पैसे से ओपरेशन करवालो । राकेश मना करने लागा ।

में अपने खुद के पैसे से करना चाहता हु लेकिन मेरी हालात मेरा साथ नहीं दे रही है । पापा ने कहा ह्मारा कोई नहीं है तुम्ह दोनो ही तो है क्या मेरा तेरा कर रहे हो अभी के लीये पैसे ले लो बाद में लोटा देना । अखीर कार राकेश को पैसे लेना ही पडा । ऑपरेशन करवाने को दीया ।

मोरल : जरुरत के सामय हमे अपना घमंद नहीं दिखाना चाहीये । जो मिलता है उसे ले लेना चाहीये जब हामारे पास आ जाये तब उसे लोटा देना चाहीये यही समजदारी का कदम होता है ।  

 

short motivational stories with moral

 

नदी के किनारे एक किशान खदा था । वो नदी के दुसरी तरफ जाना चाहता था । किशान के पास केले एक लूम थी और एक बंदर था । एक नाव थी । किनारे एक शेर बैथा था वो भी नदी को पार करना चाहता था ।

नाव छोटी होने के कारण किसी एक को ले जा सकता है । शेर को पहले ले जाता है तो बंदर केले खा लेगा । केले पहले ले जाता है तो शेर बंदर को
खा लेगा।

किशान ने बहुत सोच ने बाद एक युक्ति सुजी । पहले वो बंदर को किनारे छोदके आयेगा । बंदर को दुसरे किनारे छोडने बाद –शेर को छोड ने के लीये गया । शेर को छोड ने बाद बंदर को फिर से नाव में बैथा के ले आया । आब किशान ने बंदर और केले की लूब को नाव में रख दीया और फीर से दुसरे किनारे चलने लगा ।

इस प्राकार किशान ने दोनो को बचा लीया ।

मोरल :- जिवान में हमे एक ना एक दीन एक निर्यण लेना होता है । चाहे वो सही हो या गलत ।

short inspirational stories with morals

 

 

एक गांव में दो किशान थे एक का नाम रामु और दुसरे का राजु । एक ने बगीचे में तरबूच लगाये थे और दुसरे चिकू की खेती कीया था । दोनो की इस साल फसल लगी थी ।

दोनो ने बजार में जाके बेच ने के लीये गये । रामु के अच्छे तरबूच बेच गये थोदे बहुत बचे वो घर ले जाने का सोचा । याहा पे राजु का चिकू भी अच्छी
तरहा से बेच गये और थोदे बहुत घर ले जाने के सोचा ।

अब दोंनो रास्ते में एक दुसरे से मिले । दोनो अपास में बात करने लगे इस बार मेरे सारे तरबूच बिक गये । राजु ने कहा मेरा भी चिकू बिक गया है
ये कुच बच्चे है वो घर ले जा रहा हु ।

तरबूच खा खा परेशान हो गया हु इस लीये घर ले जा रहा हु । वहाँ पे चिकू वाले ने भी यही कहा । क्यु ना हम यह चिकू और तरबूच को आपस में बदल ले। रामु ने कुच तरबूच निकल लिये और रजु ने खुशी खुशी चिकू दे दीये ।

दोनो घर जाके चिकू और तरबूच परिवार के साथ खाये । रामु को पुरी रात निंद नहीं आई यह सोच में की राजू ने कुच चिकू निकाल लीये है तो । राजू
तो बडीया सी निंद ले के सो गया ।

मोरल : हम किसी के साथ बे मानी करते है तो हमे कभी भी निंद नहीं आती है ।

 

 

दोस्तो मुजे यकिन है कि short inspirational stories with morals आपको पसंद आयी होगि । यह true motivational stories with moral आपको कोइ सुधार करने योगियाता लग्ता है तो हमे कोम्मेंत करके बताये और आपको कहनिया short motivational stories with moral in hindi लिखने का पसंद हो तो हमे inspirational moral stories for adults या motivational story एमैल कर सक्ते हो| short motivational stories with moral pdf

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