दोस्तो आज आपको motivational story for students in hindi के बारे मे बताने वाले है हमे यकीन है आपको motivational story बहुत पसंद आयेगा ।

 

motivational story for students in hindi

 

motivational story for students in hindi

 

एक दीन कीशान अपने खेत मे पानी की सिचाई करने वाला था लेकीन पानी उस किशान के खेत तक नही आ रहा था । किशान खेत मे पानी नही सिचता तो उस का सारी फसल बर्बाद हो जायेगी । ईस लीये किशान को कुच भी करके खेत मे पानी सिचना था ।

किशान के पास इतने पैसे नही थे की वह किसी पाईप लाईन वाले को बुलाके पानी खेत तक ला सके । किशान ने अकेला सोचा की खुद आब इस जगह खुदाई करनी चाहीये एक बडासा कुवा लगाके पानी खेत मे सिच सके ।

किशन दीन रात खेत के बगल मे एक कूवा के खूदाई करने लगा । किशान को काफी समय लग गया लेकीन कूवे से पानी नही निकाल पाया । कूवा बहुत गहेरा होता चला गया लेकीन कूवे से पानी तो नही निकला लेकिन एक चांदी का कलश निकला । किशान उस चांदी का कलश को लेके घर चला गया ।

दुसरे दीन किशान ने चांदी के कलश मे पानी भरा और कूवे की खुदाई करने के लीये चला गया । किशान ने उस चांदी के कलश को रखा था वहा से वो गिर गया उस मेशे पानी निकलता चला गया किशान कुवे की खुदाई कर रहा था उसने देखा की कूवे से पानी निकल ने लगा है ।

किशान उस चांदी के कलश की तरफ देखता है तो उस की आंखे तंग सी रह गई किशान ने कलश मे थोडा सा पानी भरा हुवा था लेकीन उस कलश से बहुत सारा पानी निकला आधा कूवा भर गया । किशान अब चांदी के कलश को कूवे की और करके रखता है धीरे धिरे करके सारा कूवा भर जाता है । किशान लास्ट मे केवल कलश को पलट देते है ततो पानी नही गिरता है ।

किशान के खेत मे पानी सिच जाता है सरा कूवा भर जाता है । किशान को एक चमत्कारी चांदी का कलश मिला है उससे किशान की सारी किशम्त पलतने वाली है । किशान के पास जितने भी खेत थे उस मे किशान ने पानी सिच लीया । किशान का पाक बहुत अच्छा हुवा किशान के पास बहुत सारे पैसे आये ।

किशान ने एक बडा सा घर बनवाया और बहुत सारे कूवे खुदवाये । किशन ने पानी के ट्रेंकर भी खरीद लीया आब किशान पानी बेचने का बिजनेश करने लगा । किशान ने अब दो तीन मजदूर रखे हुवे थे वो लोग जगह जगह पे पानी को पहूचाने का  काम कीया करते थे ।

किशान आब बहुत पैसे वाला हो गया था इस लीये दूसरे लोगो को किशान के अमीर होने का राहस्य पता लगाना था इस लीये किशान के घर चूपके से चले गये और वो चांदी का कलश मिल गया वह लोग लेके चले गये लेकीन रास्ते मे एक शेर मिल गया वो लोग डर गये इस लीये वहा से भाग ने लगे लेकीन उस के हाथ से वह चांदी का कलश गीर गया । फीर से पहाडी मे गूम हो गया ।

 

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एक दीन एक आदमी जंगल मे लकडीया काटने के लीये जाता है । वह पुरे दीन जंगल मे लकडीया काटटा है जब साम होने का समय होता है तब उसे एक चमकीली चिज मिलती है उसे वह आदमी देखता है तब वज आदमी उसे लेके घर चला जाता है।

वह आदमी अपनी पत्नी को उस चांदी के कलश के बारे मे बताता है उसकी पत्नी ने उसे साधार सा होगा इस लीये उसने कहा की मे कल गन्नेका जूस बेच ने के लीये जाने वाली हू तब उसका इस्तेमाल करुगी । क्यू  लोग इस चांदी के कलश को देखके ज्यादा गन्नेका जूस पियेगे ।

पत्नी ने सूबह जब गन्नेका जूस भरा उस मे लोगो को वह जूस चांदी के कलश से देने लगती है तब उस से जूस खतब है नही होता है वह पत्नी उसे देखके हेरान हो जाती है वह तूरंत अपने पती को को इशारे से बूलाती है और चांदी के कलश से जूस खतम नही होने का राज बताती है ।

अब उस आदमी ने सोचा की तूम्ह अया पे सभी को जूस दो मे बहार जाके सभि को जूस देता हू । येसा करके दोनो हर दीन बहुत सारी कमाई करनेर लगे थे । धिरे धिरे करके वह दोनो ने गन्नेके जूस से सभी जूस की दुकान लगा दीया ।

वह दोनो आब बहुत सारे पैसे कमाने लगे थे । उस आदमी के पास एक बडा घर था एक बडी कार थी वह पती, पत्नी बहुत खुश थे उनका एक नन्हा सा एक बेटा था । वह बेटा उस चांदी के कलश के साथ खेलने लगा । खेलते खेलते उसे पता नही चला की वह चांदी का कलश गन्नेके छिलके मे चला गया है ।

उसी वक्त एक सभी खूदे कचरे को लेने के लीये गाडी आयी और सारा गन्नेके के छिलके और सभी खूदे ले जाती है ।

 

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एक भिखारी हर दीन भिख मांग मांग के अपना गुजारा करता है । लेकीन उसे अब शहेर के घरो मे भिख मांगने के लीये जाने नही दीया जाता है । गांव मे उसे भीख नही मिल पाती है । इस लीये उसने सोचा की अब से मे भिख मांगने के लीये नही जावुगा ।

भिखारी ने अब खुदे कचरे जहा लोग फैकके चले जाते है वहा पे जाने का सोचा उसने वहा पेही एक झोपडी बनाई वह वहापे अब रहने वला है क्युकी उसे शहेर मे भिख नही देता है और गांव मे लोग उसे रहने नही देते है । भिखारी को भुख लगने पर वह खुदे के पास जाके कुछ भी उथा लाता है ।

भिखारी को चांदी का कलश मिलता है । वह चांदी के कलश लेके पानी भरने के लीये नदी के किनारे चला जाता है । पानी भरने के बाद उसने पानी पिने का सोचा उस ने चांदी के कलश की और देखा तो उस मे एक बडी सी मछली थी इस लीये उस ने अपनी झुपडी की और चला गया । वह भिखारी कलश से वह माछली निकालने के लीये कलश को झुकाता है उसमे से कही सारी मछ्ली निकलती रहती है । अब वह भिखारी कलश को उथा लेता है लेकीन उसे फिर से वह कलश मे मछली दिख जाती है ।

भिखारी ने सोचा से शहेर तो उसे कोई यह मछली बेच ने नही देगा वह गांव मे जायेगा तो लोग उस के पास से यह चांदी का कलश ले लेगे इस लीये वह भिखारी दुसरे गांव मे जाने के बारे मे सोचता है वह भिखारी सुभाह होते है वहासे चला जाता है वह दीन रात चलता रहता है रास्ते मे भुख लगने पर वह मछली निकाल के खा लेता है ।

भिखारी ने रास्ते मे बहुत सारी द्कान देखा उसने मंनो मंन सोचा क्युना अमे मछली बेचने का काम करता हू । दूसरे गाव जाके पास की नदी के किनारे के झुपडी बनाता है और एक छोटा सा कूवा खोडता है जहा पे वह मछली रख पाये । अब वह भिखारी सारी मछली कूवे मे डाल लेते है ।

वह भिखारी की मछलीया अब अच्छे से बिखने लगती है धिरे धिरे करके वह पैसे वाला बानते चला गया । उस ने वहा पे एक बडा सा घर बनाया उस के बाद उसने कूछ लडके को काम पे रखा जो गांव गांव जाके मछलीया बेच ने के लीये जाया करे ।

अब सब लोग भिखारी को कोई नही पहचानता है अब केवल मछवारे के नाम से पहचानते है लोग । एक दीन बारिश ज्यादा आने के कारण नदी से पानी उस के कूवे ताक आ जाता है उस दीन उसने चांदी का कलश को रखना भुल गया था वह बारीश का पानी चांदी के कलश को पानी मे बहो के ले जाता है।

 

दोस्तो हमने इस पोस्ट मे motivational story for students in hindi के बारे मे बताया है । हमे यकीन है की आपको यह कहाँनी बहुत पसंद आयी होगी ।  यह कहाँनी आपको कैसी लगी हमे कोम्मेंट करके बताये और यह कहाँनी शेर कीजिये । 

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