बच्चों की सर्वश्रेष्ठ कहाँनी॥ moral stories for kids

दोस्तो आज हम इस पोस्ट मे आपको story of two best friends in hindi के बारे मे बताने जा रहे है। best friend story in hindi बहुत पंसद् आएगाMoral stories for kids

 

Moral story

 

 

 two best friends story in hindi

 

एक दिन की बात है दो दोस्त घर के सामने खेल रहे थे। खेल खेल मे बहुत समय हो गया था। राम की माँ ने राम को खाने के लिए आवाज लगती है। राम ने अपने दोस्त को कहा तुम्ह भी अपने घर खाना खा के आव उसके बाद हम फिर से खेलते है। 

रामु राम से कहता है क्या पता मेरे घर खाना बना है या नही। मेरी माँ दो दिनो से बीमार है। हमने कल साम भी खाना नही खाया था। राम ने अपने दोस्त की यह बात सुनके रामु को अपने घर ले जाता है। 

राम ने अपनी माँ को रामु की परेशानी बताता है। माँ ने राम को कहा बेटा अपने दोस्त की तुम्हे मदद कारनी चाहीये। राम ने अपनी माँ को कहा अभी तो मे बहुत छोता हु। माँ ने राम से कहा बेटा तुम्ह दोनो अभी खाना खालो बाद मे तुम्हे मे सारी बात कहती हु। 

रामु और राम दोनो दोस्त खाना खाने लागते है। खाना खाने के बाद राम कि माँ ने एक डब्बे मे खाना भर दिया और राम को कहा। अपने दोस्त के साथ घर जाव और जाते समय रास्ते मे से दवाई लेके जान। 

दोनो दोस्त अब चलते जाते है। राम आगे चलता है और रामु पिछे चलता है। तब राम ने अपने दोस्त को कहा चलो चलो। क्यु धीमे धीमे चल रहे हो। क्या सोच रहे हो तब रामु ने अपने दोस्त को कहा तुम्ह मेरे साथ पहली बार मेरे घर आ रहे हो। लेकिन मेरे घर मे तुम्हे खिलाने के लिये कुच नही है। 

राम ने कहा अरे मेरे दोस्त ये खाना और ये दवाई तुम्हारी माँ के लिये है। मुझे कुच नही खाना है। रामु ने कहा लेकिन मेरे घर मे तुम्हे बिठा ने के लिये चेयर नही है। राम ने कहा मेरे दोस्त मेरी चिंता मत करो।

दोनो घर पाहुच जाते है रामु ने अपनी माँ को खाना दिया और खाना खा ने बाद माँ को दवा पिलाई। राम ने कहा मेरी माँ ने कहा है आप अच्छी तरहा से ठीक हो जाव और हर दिन मे खाना आपके लिये लाया करुगा। 

रामु की माँ देखते हि देखते कुछ हि समय मे ठीक हो गई। रामु कि माँ रामु के साथ राम के घर आयी और राम की माँ को धनियवाद किया। राम की माँ ने कहा ये दोनो दोस्त की कहानी है हम बडे साथ नहीं देगे तो कम जोर हो जाएगी। इस लिये हमे भी इस दोस्ती का हिस्सा बनना है। 

 

Moral: – सच्चे दोस्त यही होते है जो मुशिबत के साथ काम आये।

 

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बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी ॥ Looking for a good moral story

 Looking for a good moral story

 

 

एक दिन एक लडका अपनी माँ के साथ बाजार मे सब्जी या लेने के लिए जाता है । माँ ने कही सारी सबजीया लिया । लड्का बजार मे खेलो ना देखता रहता है । तब लडके को एक दादी माँ दिखाई दी ।

दादी माँ से सब्जिया का बेग उठा नही जा रहा था । ओर सारी सबजीया गिर गयी । लड्का भागते हुवे उस दादी माँ के पास गया ओर सारी सब्जीया उठाने लगा । दुरसे माँ अपने बेटे को दादी माँ की मदद करते हुवे देख के खुश हो गई ।

माँ कहती है दादी माँ को आप यही पे बैठ जाव खेलो मेरा बेटा आपकी मदद करेगा । दादी माँ ने कहा तुम्हारा लडका बहुत होशियार् है सभी की मदद करता है । तुम्हे इसे बहुत कच्छी तरहा से सांस्कार दिया है । माँ को अपने बेटे की तारीफ़ सुनके बहुत आच्छा लगा ।

माँ ने कहा आपका घर कहा है हम आपको घर तक छोड् के आते है । माँ दादी माँ का हाथ पकड़ती है ओर बेटा दादी माँ का बेग पकड् ता है बत चित करते करते दादी माँ के घर पोहुँच जाते है । थोड़ी देर दादी माँ के साथ घर बैठ ने के बाद माँ ओर बेटा अपने घर लोट जाते है । 

घर जाके माँ ने बेटे से कहा तुम्हे आज क्या खाना है आज मे तुम्हारे मन पसंद खाना बनावुगी । बेटे ने कहा मुझे आज गजर का हलवा खाना है । माँ ने कहा ठीक है आप बाहर खेल के आवो मे आपके लिए गजर् का हलवा बानाके रखुगी ।

मोरल : – दोस्तों हमे भी किसी की मदद करते रहना है । टाकी माँ ओर पापा को गर्व मेहसुस् हो ।

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फूलों की हिंदी कहानी ॥ inspirational stories about flowers

दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है inspirational stories about flowers के बारे मे हमे यकिन है short story flowers बहुत पसंद आयेगा | s inspirational stories about flowers 

 

inspirational stories about flowers

 

Short story on Flowers in Hindi

 

एक बार जंगल मे रेड फुल अपने आपपे खुब सुरंत होने का गंमड दीखा रहा था । लेकीन पेड कहता है मुझे तो नही लगाता है रेड फुल सुदंर दिख रहा है । दुसरे पेडने भी यही कहा मुझे भी नहि लगता है। तब रेड फुल ने कहा मुझसे ज्यादा सुदंर तुम्हे कोई नही दिखे गा ।

सूरजमुखी ने तुरंत जवाब दीया अपने आपपे ज्यादा गमंद मत कीया करो । जंगल मे बहुत सारे अच्छे  दिखने वाले फुल है । तुम से 100 गुना अच्छे दिखते है । रेड फुल ने कहा नागफनी को देखो फुल ही नही आ रहे है । फुल से ज्यादा तो उस पे काटे है । तुरंत सूरजमुखी ने कहा तुम्ह भुलो मत तुमारे पे भी काटे है ।

इस तरहा रेड फुल सभी को सुदंर होने का गमंद दिखाता चलता है । सभी लोग रेड फुल से तंग आ गये थे । सभी लोग ने जंगल मे एक स्पर्धा रखी जो सुदंर दिखेका उसी को हम जगंल का राजा बनायेगे । रेड फुल बहुत अभीमान मे आ गया मेही ये स्पर्धा जितुगा ।

देखते ही देखते कही फुल आये जैसे की कमल , चमेली , सूरजमुखी, ट्यूलिप , वॉटर लिली  इस तरहा के कही फुल आये । रेड फुल सभी को देखते हुवे डर ने लगा मुझे ये लोग बहुत अच्छे दिख रहे है । रेड फुल का सारा गमंद चकना चूर हो गया था । स्पर्धा को आखीर कार पूण कीया गया और सबसे सुदंर दीखने वाले फुल का नाम लीया गया । ट्यूलिप और वॉटर लिली का ।

रेड फुल को ये देखा नही गया वो वहा से चला गया और कुच समय से वो दिखाई नही दीया । जब बहुत धुप पड रही थी तब वो जगंल मे दिखाई दीया । वो देखता है पेड के पट्टे जड गये है । ट्यूलिप और वॉटर लिली सुख गये है । वो सभी को देखते हुवे हंस ने लगा ।

लेकीन कुच दीन के बाड रेड फुल भी कमजोर होने लगा । वो नागफनी को देखता है कुच चिडीया उस पे बेठ के चौच से कुच कर रही है । रेड फुल तुरंत पेड के पास जाता है और कहता है ये चिडीया नागफनी को क्यौ चौच मार रही है । तब पेड ने कहा ये चिडीया नागफनी से पानी पि रही है । नागफनी मे बहुत पानी है इस लीये अभी तब वे कमजोर नही हुवी है ।

रेड फुल ने चिडीया को कहा मुझे भी कुच पानी देदो मे कमजोर हो रहा हु । वो तुरंत चिडीया नागफनी से पानी लेके रेड फुल को दीया और रेड फुल ताजा हो गया और रेड फुल ने सभी से माफी मांगी । इस तरहा रेड फुल अपने सुदंर दिखने का गमंड को छोड दीया।

हमे भि अपने आपपे ज्यादा गमंद नही कर ना चाहीये । दुसरे के बारे मे सोचा चाहीये

 

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टीम वर्क की ताकत ॥ short story based on teamwork in hindi

दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है Short story based on teamwork in Hindi के बारे मे हमे यकिन है inspirational hindi story on team work आपको बहुत पसंद आयेगा story teamwork

 

Short-story-based-on-teamwork-in-Hindi

 

Short story based on teamwork in Hindi

 

बच्चे अपनी स्कूल मे शरारत कर रहे थे । कुच बच्चे दुसरो को परेशन कर रहे थे । स्कूल के काल्स रूम मे दो भाग हो गये थे । अमीर बच्चे अगल रहते थे और आगे बेतेथे और गरीब पीछे की बेन्च पे बेते थे।

इस बात की टीचर को पता चल गया सबी बच्चे आपस मे भेदभाव कर रहे है । एक दीन टीचर सबी बच्चो को स्कूल के मेडन मे बुलाया और कहा सभी को ये पत्थर सामने के तरफ रखके आना है । जो पहले और ज्यादा काम करेगा उसे मेरी तरफ से एक गीफ्ट मिलेगा ।

सबी बच्चे पत्थर को उथाके दुसरी और रखने के लीये जाते है देखते ही देखते कुच समय के बाद सारे पत्थर उथाके दुसरी और रखके आजाते है । सभी बच्चे टीचर के सामने आके खडे हो जाते है और कहते है देखा मेदम ये काम तो आसान है । टीचर ने सबी बच्चे को कहा मुझे इस काम मे कोई कमी दिखी आपने ज्यादा समय
लगाया ।

फिर से वो पत्थर यह पे लाके रखदो और ज्यादा समय नही लगना चाहीये । सबी बच्चे भागने लगे एक दुसरे से कोम्पीटिशन करने लगे । अब की बार पहले से कम समय लगा और सभी पत्थर लाके रख दीये ।बच्चे टीचर के पास आके खडे हो गये । टीचर ने कहा मुझे इस बार भी सही नही लगा । फिर से ये पत्थर दुसरी तरफ लाके रख दो । सभी बच्चे टीचर की इस बात से परेशान हो गये थे ।

बच्चे भगने लगे पत्थर उथाने के लीये तब एक गरीब का बच्चा था उसने दिमंग से सोचा और सभी को कहा आप सभी लोग एक लाईन मे खडे हो जाव और उस ने पत्थर एक दुसरे को पास करने को कहा । देखते ही देखते कुच ही समय मे सारे पत्थर दुसरी तरफ हो गये थे और कोई बच्चा थका नही और समय का सही इस्तेमाल होवु ।

अब की बार टीचर बहुत खुश हुवा और सभी बच्चे के लीये टाली बजाई और टीचर ने सभी बच्चो को कहा देखा इस बार आपने एक टीम बनाके काम कीया इस लीये कम समय लगा और आप सभी लोग थके नही । पहले जो आप काम कर रहे थे वो खुद के लीये काम कर रहे थे इस लीये ज्यादा समय लगता था । टीचर ने सभी बच्चो को पुछा आप सभी ने इस खेल से क्या सिखा ।

तब एक लदके ने कहा मेंने यह सिखा हम सभी बच्चे मिल जुलकर काम करे तो कोई भी मुसीबात आये उसे आसानी से पार कर पाये । दुसरे बच्चे ने कहा कोई ही परेशानी आये उसे हम लोग मिलजुकर सामना कर पाये । तिसरे बच्चे ने कहा हमे एक टीम बनके एक साथ रहना है और एक दुसरे की मदद करते रहना है ।

टीचर ने कहा जी हा सभी को टीम बनने के रहना है और सभी को क्लास रूम मे मिल जुलकर रहना है । कोई अमीर नही है कोई गरीब नही है कोई उच-निच नही है सब लोग एक स्टूडेंट है जो एक स्कूल मे पठाई लिखाई करने के लीये आते है । अब से सबी बच्चे मिल जुलकर रहेगे । सभी बच्चे ने टीचर को व्यादा कीया हम अब से मिलजुल कर रहेगे ।

मोरल :- मिलजुलकर रहने से कोई भी दिकक्त-परेशानी आती है वो आसानी से सोल कीया जात है ।

 

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आलसी लड़के की कहानी || the lazy boy short moral story in hindi

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the lazy boy short moral story in hindi

 

एक शेठ का बेटा था उसका नाम रगु था अकसर वो देर से उथाता था । वो स्कूल मे लेट पोहुचता था वो खाने मे आलस करता था । जब भी शेठ अपनी दुकान मे जाता था तब रगु को साथ ले जाने के लीये हर दीन उसे उथाता था लेकीन रगु बस 5 मिनिट सोने दो इस तरीके से वो उथता ही नही था ।

दीन भ दीन रगु खाने की चिजि मे आलस करने मे लग जाता था । राजु को घर के बना खाना नही खाना होता है उसे बहार का अच्छे अच्छे पकवान खाने होते है पापा के पास पैसे ज्यादा लेता है और फिजुर के खर्चे करता रहता है । शेठ रगु को बहुत समजाता है उसे सही मार्ग दिखाता है लेकीन रगु बचपना ही करता है ।

शेठ बहुत बिमार होने के कारण शेठ की मुत्यु हो जाती है । लेकीन रगु अभी भी आलस करता है घर मे खाने पीने की चिज नही होती है और दुकान मे अब सभी सामान कम होने लगे थे पैसे की आदनी आनी बंध हो जाती है । मां ने रगु को कहा बेटा कुच करो नही तो हम रास्ते पे आ जायेगे । रगु ने मां से कहा मां मुझे कुच नही आता है दुकान मे कैसे सामान बेचते ये सब कुच नही पता है ।

मां ने रगु को कहा पास के गांव मे तेरे चाचा रहते है उस के पास जाव तुम्हे अच्छी तरहा सिखायेगे के किस तरहा दुकान मे सामान बेचा जाये । अगली सुबह रगु चाचा के घर जाने के लीये निकल पडा । रगु घर जाके चाचा से मिलता है और रगु ने सारी परेशानी की बात कही । चाचु ने कहा तुम्हे केवल यह करना है हर दीन दुकान पे जाके बेथना है और जब साम होने को आये तब पुरी सामान की लिस्ट देखना है । ये सब तुम्हे कुच दीन तक करना है ।

रगु दुसरे दीन चाचा की बात सुन्के सुबह मे दुकान चला जाता है और साम के समय सामान की लिस्ट देखा करता है । हर दीन रगु येसा करता है कुच मजदूर बात कर रहे थे मालीक हर दीन दुकान आते है और सामान चेक करते है हमे अब ग़ोटाला नही करना चाहीये क्यु की हम कभी भी मालिक के हाथ पकडे जा सकते है ।

रगु हर दीन दुकान जाने की वजह से सभी मजदूर चोक्कने हो गये थे और सभि अच्छी तरहा से काम करने लगे । देखते ही देखते कुच दीन मे रगु फिर से पैसे वाला बन गया जो गुमाया था वो फिर से कमा लीया । मां ने कहा अब से तुम्ही ये दुकान सभाला करोगे । अब तुम्ह चाचा को ध्यनीयाव कहके आवो ।

रगु चाचा के घर जाता है और चाचा को कहता है आपने मुझे जिस तरिके कहा था और करने को इसी तरहा मैने कीया आज फिर से पहले जैसी दुकान चलने लगी है । चाचा आपका बहुत ध्यनीयावाद ॥ चाचा ने कहा कुच लोग गोटला कर रहे थे तुमहारे हर दीन दुकान जाने के कारण सबी मजदूर गोटाला करने का नही सोचेगे । जो ग़ोटाला करते है वो बंध कर देंगे सबी मजदूर मेहनत करेगे । 

moral stories : एक अच्छी सिख जिवन मे काफी सारे बादलाव करती है । इस लीये
हमे आलस नही करना है ।   

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शिक्षक और छात्र की कहानी || short moral stories for teachers in hindi

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short moral stories for teachers in hindi

 

एक दीन स्कूल में क्लास चल रही थी बहार बारीस गिर रही थी । तब टिचर ने सरे बच्चो को कहा में तुम्हे 100 रुपीये दु तो आप लोग क्या कारेगे । एक लड़का बोला में खेलने के लीये क्रिकेट बेट खरीदुगा । एक लड़की बोली में खेलने के लीये गुडीया खरिदुगी । कैसि ने चोकलेट खरीद ने को कहा ।एक लड़का गहरी सोच में बैथा था । टिचर ने उसे कहा बेटा तुम्ह क्या खरीदोगे । तब उस लडके ने कहा में मेरी मां के लीये चशमा खरीदुगा । टिचर ने तुरंत कहा येतो तुम्हारे पापा भी खरिद सकते है तुम्ह तुम्हारे लीये कुच नहीं खरीद ना चाहते क्या । तब उस लडने जो जवाब दीया टिचर्की आंखेभी नम सी हो गई ।
 
सर मेरे पापा नहीं है । मेरी मां सिलाई का काम करके मुझे पठाई लिखाई करवाती है । में अच्छी तरहा से पठना चाहता हु आगे बडना चाहता हु । टिचरे ने कहा बेटा तुम्हारी यह सोच तुम्हे एक दीन बड़ा आदमी बनायेगी । ये लो तुम्हारे 100रुपीये शरत के मुताबित और दुसरे 100 रुपीये जब तुम्ह कामीयाब बन जावोगे तब मुझे लोटा देना ।
 
इस बिच में 20 साल निकल जाते है । जोर सोर से बारीस हो रही थी स्कूल के बाहार एक बडी सी गाडी आके रुकी । उस में से एक बड़ा अधिकारी निकला । सारे स्कुल के स्टाफ देखने लगे । वो अधिकारी टिचर के पास जाके पैर छुने लगा। टिचर में जो आपने मुझे 100 रुपिये दीये थे आज में वो लोटा ने आया हु । टिचार आय सुन्के बदुत अच्छा लगा ।
जिवान में हमेशा हमे यह बात याद रखनी है । हमे अपने परिवार के लीये कामीयाब बन्ना है। जिवान में आगे बडना है । दीन रात मेहन्त करनी है । हमे कामीयाबी का सपने देखना है। क्भी भी अपने आपपे घंमड नहीं करना है । केवल आसानी से जिवान जिना है और मेहन्त करनी है ।

 

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शार्ट मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी ॥ short story essay in hindi

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Short story essay in Hindi || free short story essay

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जंगल मे एक लोमडी रहती थी वो अकसर अकेली रहती थी जंगल के जानवार उस लोमडी को पास नही आने देते थे । लोमडी अकसर जानवर लोगो का खाना चुरा लेती थी । लोमडी को एक अलग जगह रहना पडता था वो सारे जानवार लोगो की नजीक नही जा पाती थी ।

जानवार के टोली मे एक चूहा था वो बहुत चालाक था वो अकसर लोमडी को धुरता रहता था । एक दीन लोमडी ने चुहे से पुछा तुम्ह क्यु मुझे धुरते रहते हो । तब चुहे ने कहा मुझे लगता है तुम्ह इस जगह पे आ गये तो मेरा सारा खाना खा जावोगे इस लीये मे तुम्हे धुरता हु । लोमडी ने कहा थीक है तुम्हारा खाना मे नही खावुगा लेकीन मे तुम्हे जरुर खा जावुगा ।

चुहे ने उस लोमडी को हल्लके मे ले लीया था । लोमडी ने थान लीया था की मे इस चूहे को अब नही छोडुगा । जो होना है वो हो जाये लेकीन मे चूहे को पकड लुंगा । लोमडी ने दबे पाव चूहे के नजदीक जाती है । लेकीन चूहे को लोमडी के आने का एहसाह हुवा और तुरंत वो बिल मे गुस गया । तब लोमडी बोली आज तो बाल बाल बच गाया नही तो आज स्वादिस भोजन खाने को मिलता ।

चुहा तुरंत बिल मे से बाहार निकलता है तब लोमडी ने उस चूहे को पकड लीया । चूहा लोमडी को कहता है ये लो मुझे तुम्ह खा जाव लेकीन ये याद रखना मुझे खाने के बाड तुम्ह भी मर जावोगे । लोमडी ने कहा क्यु मे क्यु मर जावुगा तब चूहे ने कहा मुझे कोरोना है मुझे पता नही मे कब तब जिंदा रह सकता हु। 

मुझे तुम्ने छुवा है तो क्या पता तुम्हे भी कोरोना हो सकता है । लोमडी यह सुन्के वहा से बहुत भागी लेकीन दुसरे लोमडी की टोली ने उस लोमडी को आने नही दीया सभी ने कहा तुम्हे कोरोना हो गया है तुमने चूहे को छूवा है । वो लोमडी फिर चूहे के पास गई और चूहे को पूछा इस का क्या इलाज है । कैसे मे जिंदा रह सकता हु ।

चूहे ने कहा चलो मेरे साथ मे तुम्हे इस का इलाज दिखाता हु । चूहा उस लोमडी को एक बडे से चटान के पास ले जाता है । तब चूहा लोमडी को पहाड से कूदने को कहता है । लोमडी ने कहा थीक है हम दोनो कूड जाते है । तब चूहे ने मना कीया मे क्यू कूदु मुझे मर ना थोडी ना है । तब लोमडी ने कहा येसे भी हम कोरोना से मर ने वाले है । लोमडी ने चूहे को पकड के कूड गई और निचे गीरते ही दोनो मर गये ।

मोरल : हमे कीसी को जुठ नही बोलना है । एक मजाक उसी पे भारी पडता है ।   

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moral stories for kids in hindi

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शिक्षाप्रद मजेदार छोटी कहानियां || moral stories for adults hindi

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stories for adults

 

 

moral stories for adults hindi

 

एक छोटे से गांव मे हरीया रहता था उस का नन्ही सी कुल्फी की दुकान थी । वो हर दीन अपनी कुल्फी बेचा करता था लेकीन उस के पास मुक्त वाले दोस्त आ जाते थे और कुच भिखारी आ जाते थे । इस लीये वो ज्यादा कमाई नही कर पाता था । घर जाके अपनी पत्नी को पैसे देता है और कहता है हर दीन इसी तरीके से कमाई होती है मेरी मुदल की रकम भी नही निकाल पाती है । पत्नी कहती है कुच नही किसि भुखीये की मदद करना अच्छी बात है ।

एक दीन हरीया दुकान पे बेठ के कुल्फी बेच रहा था तब कही दोस्त आपस मे बात कर रहे थे । मेरा बेटा बहुत बीमार है मेरे पास कुच पैसे नही है मे कैसे मेरे बेटे को होस्पीटल ले जा सकता हु । तब उस ने हरीया से कुछ पैसे उथार मंगा और हरीया से कहा मे दो दीन के बाद लोटा दुंगा ।

हरीया ने 500 की नोट दीया हरीया सोच मे पड गया क्या वो मुझे दो दीन मे वापस पैसे लोटा देंगा । लेकीन सच मे दो दीन होने के बाद वो हरीया को 500 की नोट वापस लोटा के गया । वो दोनो खुशी खुशी बात कर रहे थे तब एक आदमी आया वो हरीया से कुच पैसे उधार मांन्गे लागा मे कल सुबहे तुम्हे वापस पैसे लोटा दुंगा हरीया ने 200 की नोट दीया । हरीया को सुबह मे दुकान खोलने से पहले वो 200 की नोट देने के लीये आ गया ।

अब हरीया के पास कुल्फी खाने वाले की जगाह उधार पैसे मंग्ने वाले ज्यादा लोग आने लगे । एक आदमी हरीया के पास आता है वो 2000 की नोट मांग्ने लगा । हरीया ने मना कर दीया मे इतने पैसे नही दे सकता हु मेरे पास इतने पैसे नही है । इतने ज्यादा पैसे मे नही दे सकता लेकीन वो आदमी कह रहा था की मुझे बहुत जरुरत है मे तुम्हे वापस काल साम तक लोटा दुंगा । लेकीन आप मुझे पैसे उधार दीजिये ।

हरीया का दील बहुत उदार था उससे उस आदमी की रोना नही देखा गया इस लीये कुच 2000 की नोट दीया । हरीया बहुत सोच मे पड गाया आज तो मेंने जितना
कमाया था वो मेंने दे दिया । अब मे क्या करुगा वो मुझे वापस नही देगा तो मे क्या करुगा । लेकीन वो आदमी सच मे पैसे लोटा ने आया हरीया को 2000 की जगाह 2200 रुपीये देता है । हरीया ने कहा तुम्हे एक नोट ज्यादा दीया है मुझे केवल 2000 की एक नोट देना था । लेकीन वो अदमी ने कहा ये पैसे मेंने ज्यादा दीया है । आपने मेरी जरुरत के समय मदद कीया है इस लीये जब मुझे जरुरत होगी तब मे आप के पास से वापस पैसे ले लुंगा ।

हरीया ने कहा ठीक है वो घर पे लोट ते समय कुच जलेबी पत्नी के लीये ले गया । वो पत्नी को जलेबी देता है और कहता हे आज मुजहे 200 रुप्ये ज्यादा मिले है । वो रात मे सो नही पाया पुरी रात सोच रहा था की मे क्यु ना पैसे के साथ उपर से कुच पैसे ज्यादा ले लेता हु ।

दुसरे दीन से वो पैसे के साथ कुच पैसे ज्यादा लेता था । वो धीरे धीरे कर के उस की अदनी बड गई और कुच ही समय मे उस ने नन्ही दुकान से एक बडी कुल्फी की दुकान बना दीया । धिरे धिरे वो कफी लोगो को पैसे देने लगा और गांव का सबसे अमीर आदमी बन गया था ।

सबी लोग उसे कुच पैसे उधार लेते जाते थे और वो अमीर बनता जाता था उस का उदार सभाव था इस लीये सभी लोग उस के पास से पैसे लेने आते थे और वो सभी लोगो की मदद करता था । 

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