परियों की कहाँनी॥ short stories of fairy in hindi

 

 Short stories of fairy in Hindi

 

एक जगह पे कही सारी परियाँ रहती थी। जिस मे से एक परी ज्यादा खूबसूरत होने का घमंड दिखाती है। वो परी किसी की बात नही सुनती है। सारी परिया मिलके रानी के पास गई। और परी की फरियाद किया वो परी हमारी बात नही सुनती है। और हमारा मजाक उड़ाती रहती है। 

रानी ने सभी परियो की बात सुनके उस परी को बुलाया। तब भी वो परी रानी की बात नही सुनती है। तब रानी ने उस परी को शार्प दिया। तुम सबसे बुरी दिखने वाली परी बन जावोगी। जब तुम्हे कोई प्यार करने वाला इशान मिलेगा तभी तुम अच्छी दिखोगी। 

वो परी अब कही जगह पे गई लेकिन उस परी पे सभी लोग हँस रहे थे। तब उसे पता चला के मे दूसरी परियो पे हँस रही थी तब उन लोगो को बुरा लगता था। परि को अब एहसास हुवा की जो मे कर रही थी वो गलत है। और सभी परियों से माफी मांगी। 

एक दिन परी नदि के किनारे गुम रही थी। तब वो चलते चलते पानी मे गिर गई। उसे तैरना नही आता था वो डूबने लगी थी। वो आवाज लगाने लगी मुझे बचाव बचाव करके लेकिन कोई नही आया। अब परी ने अपने सोच लिया ये मैने जो गलतिया किया है इस का आज खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। 

तभी वहा पे एक लडका आया और परी को बाहर निकाला । तब दोनो एक दूसरे को देखते है और दोनो को प्यार हो जाता है। तब परी का शार्प टूट जाता है और परी खूबसूरत दिख हूँने लगती है।

 

Moral :- चाहे कितने सुंदर दिखते हो लेकिन दिल अच्छा होना चाहिये। 

 

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नवरात्रि की कहानी ॥ Navratri ki kahani

दोस्तो आज हम बताने जा रहे है Navratri ki kahani । आपको यह navratri special Story पठ के अच्छा लगेगा। 

 

 

Navratri ki kahani

 

एक छोटे से गाँव मे कुछ लोग रहते थे। सभी लोग सब्जिया या फल बेच के अपना जीवन गुजारते थे। उस मेसे एक चंपा बाई थी वो अकेली रहती थी। वो अपने जीवन जिने के लिये फल बेचा करती थी। 

एक दिन सभी लोग एक्थे हुवे थे और आपास मे बात कर रहे थे। तब चंपा बाई उन लोगो को देखते हुवे पास गई और सभी को पूछा क्या हुवा आज सब्जिया बेचने नही जाना है। तब एक ने कहा हमारी बस्ती सरकार ने ठाकुर को बेच दिया है और हमे बस्ती खाली करने को कहा है। 

चांपा बाई ने सभी को कहा हम सभ सरकार के पास जाते है। और बात करते है हम इस जमीन पे सालों से रह रहे है ऐसे कैसे हम छोड़ दे। चलो सभी हम सरकार से बात करते है सभी सरकार के अधिकारी से बात करते है। लेकिन अधिकारी ने कहा सरकार ने ये जमीन ठाकुर को बेच दिया है। आप लोग यही से चले जाव नही तो हमे पोलिस को बुला ना होगा।

सभी लोग अब चंपा बाई से साथ ठाकुर के घर गये लेकिन ठाकुर ने भी मना कर दिया मैने ये जमीन बडी बडी बिल्डिंग बनवाने के लिये  खरीदा है। आप लोग यही से चले जाव और बस्ती खाली करदो। 

अब सभी लोग धीरे धीरे करके बस्ती खाली करने लगे। कोई जंगल मे रहने के लिये चला गया तो कोई फुट पाट पे। अब चंपा बाई अपना जीवन गुजर रही थी जब फल बेच के आ रही थी तब चंपा बाई को आवाज सुनाई दिया मेरी कोई मदद करो मुझे खाना खिलाव। 

चंपा बाई ने देखा तो एक बुड़ी औरत थी वो कही दिनों से खाना नही खाया था। उस का चेहरा मुर्जाया हुवा था। तब चंपा बाई ने फल की टोकरी नीचे रख के कहा आप ये फल खा लीजिये। वो बुड़ी औरत सारे फल खा लिये। चंपा बाई ने पानी की बोटल से पानी निकाला। और बुड़ी औरत को पानी दिया। 

बूड़ी औरत ने चंपा बाई को दुर्गा माँ की मूर्ती दिया और कहा आप दिन रात इस दुर्गा माँ की सेवा करना कल से नवरात्री शुरु हो रहा है। अब चंपा बाई मूर्ति लेके अपने घर चली गई। घर जाके मूर्ति की स्थापना के लिये घर की साफ सफाई करने लगी। और गाँव वालो ने चंपा बाई की मदद किया। 

अपने घर मे अच्छी तरहा से दुर्गा माँ कि स्थापना करके सेवा करने लगी। देखते ही देखते 8 दिन निकल गये थे। अब वो ठाकुर बस्ती खाली करवाने के लिये आने वाला था। और माँ दुर्गा का आखरी दिन कल था। 

ठाकुर बस्ती मे आके सभी लोगो को देख रहा था कुछ लोगो ने बस्ती खाली कर दिया था तो कुछ लोगो ने अभी तक खाली नही किया था। तब चंपा बाई आई ठाकुर ने कहा मेने तुम्हे कहा थाना मे आवुगा। आपने अभी तुरत बस्ती खाली नही किया तो मे सारी बस्ती तुड़वा दूंगा। 

चंपा बाई ने बस्ती बचाने के लिये कही कोशिश किया। 2 दीन रुक जाव नवरात्री चल रही है। लेकिन ठाकुर ने चंपा बाई की कोई बात नही मानी। चंपा बाई रोते हुवे अपने घर मे चली गई। ठाकुर से अब रहा नही गया अपने मजदूर से कहा GCB से घर तोड़ दो। लेकिन घर तोड़ ने की बजाय GCB टूट गई। 

अब ठाकुर को लगा ये औरत चुडेल लगती है मुझे घर मे जाके देखना होगा। ठाकुर घर मे जाके देखता है। तो चंपा बाई माँ दुर्गा के सामने बैठे के आराधना कर रही थी। ठाकुर ने अपने पैरोसे चंपा बाई को मार ने की कोशिश किया। 

तब तुरंत ही दुर्गा माँ पसंन् हुवे और ठाकुर को कहा मेरे भक्त तुम मार ने की कोशिश कर रहे है। ठाकुर माँ दुर्गा को देखके पैरो मे गिर जाता है। दुर्गा माँ ने ठाकुर को अच्छी तरहा से समझा या। 

अब ठाकुर सभी बस्ती वालो को पक्के घर बना के देता है और चंपा बाई की मुत्यु के बाद उस जगह पे माँ दुर्गा की स्थापना कर देते है। 

 

 

गणेश जी की कहानियाँ ॥ lord ganesha stories in hindi for kids

दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है lord ganesha stories in hindi for kids के बारे मे हमे यकिन है ganesh story in hindi बहुत पसंद आयेगा | ganesh ji ki story

 

Lord ganesha stories for kids hindi

 

lord ganesha stories in hindi for kids

 

एक छोटा सा गांव था वहा पे एक चींकी और मींकी रहते थे । वो दोनो अपनी दादीमां के साथ रहते थे । बाजार मे चींकी और मींकी ने देखा गणेशजी की मुर्ती को वो दोनो को भी इशा हो गई हमे भी गणेशजी की मुर्ती को घर मे स्थापीत करना चाहीये ।

चींकी और मींकी घर जाके दादीमां को कहते है हमे भी गणेशजी की मुर्ती को स्थापीत करना है । दादी मां ने कहा बेटा मेरे पास इतने पैसे नही है । हमारे गांव मे गणेशजी की मुर्ती स्थापीत हो रही है हमे कोई जरुरत नही है घर मे स्थापित करने की ।   

चींकी और मींकी दादी मां की कोई बात मान नही रही थी । दादी मां ने चींकी और मींकी की जिद देखते हुवे । जमीनदार के पास पैसे उधार मांगने के लीये गई लेकीन जमीनदार ने पैसे उधार नही दीये । दादी मां खाली हाथ घर आते हुवे देखते चींकी और मींकी रोने लगे ।

दादीमां ने सोचा मे बचपन मे मिट्टी की मुर्ती बनाया करती थी आज मे बनाने की कोशिश करती हु । दादी मां ने थोडी मिट्टी लीया और थोडा पानी लीया । देखते ही देखते कुच ही समय मे गणेशजी की मुर्ती बन गई । उस के बाद दादी मां ने मूर्ती को धुप मे सुकाने को रखा और मोडक बनाने के लीये लग गई ।  

थोदी देर के बाद मोडक बन गये और मुर्ती भी सुक गई थी दादी मां ने उस मुर्ती को कलर कर दीया । उस के बाद कलर को सुकने के लीये मुर्ती को धुप मे रखा और गणेशजी की स्थापना करने के लीये स्टेज सजाने लगी । उस मे टोरन लगाये और कलरींग लाईट रखी । सब कुच हो जाने के बाद दादी मां चींकी और मींकी हो आवाज लगाती है।  

चींकी और मींकी बहार आवो ये देखो । चींकी और मींकी दादी मां को कहा हमे बहार नही आना है हम आपसे नाराज है । दादी मां ने कहा चींकी और मींकी आप दोनो को गणेशजी बुला रहे है । दादी मां की यह बात सुंके चींकी और मींकी भाग्ते हुवे बाहार आये । गणेशजी की मुर्ती देखते हुवे नाचने लगे ।

चींकी ने दादी मां को कहा आप के पास पैसे नही थे आप कहा से लाई । दादी मां ने कहा मेने ये मुर्ती खुद बनाई है । मींकी ने कहा ये Eco friendly ganesha  मुर्ती है । दादी मां ने कहा जी हा । मेंने ये मुर्ती मिट्टी से बनाई है । मे अकसर बचपन मे मिट्टी से खिलोने बनाया करती थी । चींकी और मींकी ने दादी मां से कहा हमे भी मिट्टी से खिलोने बनाना सिखा दीजीये ।  

दादीमां ने कहा ठीक है मे सिखा दुंगी आपको । चलो अभी गणेशजी की स्थापना करनी है । मुरत हो गया है ।  

चींकी और मींकी दादी मां के साथ खुशी खुशी गणेशजी की मुर्ती की स्थापना करते है । चींकी बोलती है गनपती बापा मोरीया । मींकी बोलती है एक दो तीन चार गनपती की जई जई कर ।

दोस्तो हमे भी Eco friendly ganesha की मुर्ती की स्थापना करनी चाईये । Eco friendly ganesha  हमारे लीये अच्छा है ।

 

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short story on parishram in hindi

दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है Short story on parishram in Hindi के बारे मे हमे यकिन है Parishram hindi short story बहुत पसंद आयेगा |parishram in hindi

 

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Short story on parishram in Hindi

 

एक छोटा सा गांव था वहा पे एक राजु और मोनु नाम के दो दोस्त रहते थे । उन दोनो ने कही जगह काम करने के लीये गये लेकीन किसी ने वो दोनो को काम नही दीया । वो दोनो सोच मे पड गये थे अब हम क्या करे हमे कोन पैसे देगा ।

वो दोनो गांव के चौराहे पे बेठ के बात कर रहे होते है वहासे एक जमीनदर गुजरता है राजु और मोनु की बात सुंके जमीनदार रुक जाता है और उन दोनो से बात करने लगता है । राजु ने जमीनदार को सारी बात बताई हमे पैसे की बहुत जरुरत है हम दोनो कही जगह पे काम देखने के लीये गये लेकीन किसी ने हमे काम नही दीया ।

जमीनदार ने कहा ठीक है ये लो कुच पैसे आप दोनो बाट लेना । राजु और मोनु पैसे देखके खुश हो गये थे । राजु केहता है हम इन पैसे से व्यवसाई शरु करते है । तब मोनु कहता है हम इस पैसे से गुमने फिर ने के लीये जाते है । राजु ने मना कर दीया हम इस पैसे को बरबाद नही कर सकते हमे इसे सही काम मे इसतेमाल करना चाहिये । लेकीन मोनु राजु की बात नही मानता है और कही गुमने के लीये चला गया ।

राजु गांव के चोराहे पे एक सबजीमार्केट की दुकान खोली देखते ही देखते कुच ही समय मे फेम्श हो गई । उसे काफि सारा मुनाफा हुवा और मोनु कही दिनो तब गुमने के बाद गांव आता है तब उसे पता चलता है की राजु ने एक बडी सी दुकान खोली है और काफी अच्छा मुनाफा कमा रहा है ।

तुरंत मोनु राजु के पास जाता है कुच पैसे मांग्ता है लेकीन राजु ने साफ मना कर दीया । वो दोनो अब जमीनदार के पास जाते है । राजु कहता है ये लो आपके पैसे मेंने आपके पैसे व्यवसाई सबजीमार्केट खोल मे लगाये है और मुझे अच्छा मुनाफा हुवा है । जमीनदार ने कहा ये तुम्हारा परिश्रम और मेहनत के कारण आज तुम्हे कामीयाबी मिली है । तब मोनु कहता है मुझे माफ कर दीजीये मेंने सारे पैसी गुम्ने फीर ने मे बर्बाद कर दीये है । मे आपसे जूठ बोलने वाला था लेकीन मे जूठ नही बोल पाया ।

जमीनदार ने मोनु से कहा ठीक है तुम्हारा स्वभाव अच्छा है जो तुम्ने जूठ नही बोला ।ये लो कुच पैसे व्यवसाई तुमभी खोलो । मोनु ने गांव की होस्पीटल के सामने फलमार्केट की दुकान खोल दीया । देखते ही देखते मोनु अच्छा मुनाफा कमाने लगा।

राजु और मोनु ने सच्चे मंन से मेहनत कीया और आज उन दोनो का परिश्रम कामीयाबी मे बदल गया ।

 

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टीम वर्क की ताकत ॥ short story based on teamwork in hindi

दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है Short story based on teamwork in Hindi के बारे मे हमे यकिन है inspirational hindi story on team work आपको बहुत पसंद आयेगा story teamwork

 

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Short story based on teamwork in Hindi

 

बच्चे अपनी स्कूल मे शरारत कर रहे थे । कुच बच्चे दुसरो को परेशन कर रहे थे । स्कूल के काल्स रूम मे दो भाग हो गये थे । अमीर बच्चे अगल रहते थे और आगे बेतेथे और गरीब पीछे की बेन्च पे बेते थे।

इस बात की टीचर को पता चल गया सबी बच्चे आपस मे भेदभाव कर रहे है । एक दीन टीचर सबी बच्चो को स्कूल के मेडन मे बुलाया और कहा सभी को ये पत्थर सामने के तरफ रखके आना है । जो पहले और ज्यादा काम करेगा उसे मेरी तरफ से एक गीफ्ट मिलेगा ।

सबी बच्चे पत्थर को उथाके दुसरी और रखने के लीये जाते है देखते ही देखते कुच समय के बाद सारे पत्थर उथाके दुसरी और रखके आजाते है । सभी बच्चे टीचर के सामने आके खडे हो जाते है और कहते है देखा मेदम ये काम तो आसान है । टीचर ने सबी बच्चे को कहा मुझे इस काम मे कोई कमी दिखी आपने ज्यादा समय
लगाया ।

फिर से वो पत्थर यह पे लाके रखदो और ज्यादा समय नही लगना चाहीये । सबी बच्चे भागने लगे एक दुसरे से कोम्पीटिशन करने लगे । अब की बार पहले से कम समय लगा और सभी पत्थर लाके रख दीये ।बच्चे टीचर के पास आके खडे हो गये । टीचर ने कहा मुझे इस बार भी सही नही लगा । फिर से ये पत्थर दुसरी तरफ लाके रख दो । सभी बच्चे टीचर की इस बात से परेशान हो गये थे ।

बच्चे भगने लगे पत्थर उथाने के लीये तब एक गरीब का बच्चा था उसने दिमंग से सोचा और सभी को कहा आप सभी लोग एक लाईन मे खडे हो जाव और उस ने पत्थर एक दुसरे को पास करने को कहा । देखते ही देखते कुच ही समय मे सारे पत्थर दुसरी तरफ हो गये थे और कोई बच्चा थका नही और समय का सही इस्तेमाल होवु ।

अब की बार टीचर बहुत खुश हुवा और सभी बच्चे के लीये टाली बजाई और टीचर ने सभी बच्चो को कहा देखा इस बार आपने एक टीम बनाके काम कीया इस लीये कम समय लगा और आप सभी लोग थके नही । पहले जो आप काम कर रहे थे वो खुद के लीये काम कर रहे थे इस लीये ज्यादा समय लगता था । टीचर ने सभी बच्चो को पुछा आप सभी ने इस खेल से क्या सिखा ।

तब एक लदके ने कहा मेंने यह सिखा हम सभी बच्चे मिल जुलकर काम करे तो कोई भी मुसीबात आये उसे आसानी से पार कर पाये । दुसरे बच्चे ने कहा कोई ही परेशानी आये उसे हम लोग मिलजुकर सामना कर पाये । तिसरे बच्चे ने कहा हमे एक टीम बनके एक साथ रहना है और एक दुसरे की मदद करते रहना है ।

टीचर ने कहा जी हा सभी को टीम बनने के रहना है और सभी को क्लास रूम मे मिल जुलकर रहना है । कोई अमीर नही है कोई गरीब नही है कोई उच-निच नही है सब लोग एक स्टूडेंट है जो एक स्कूल मे पठाई लिखाई करने के लीये आते है । अब से सबी बच्चे मिल जुलकर रहेगे । सभी बच्चे ने टीचर को व्यादा कीया हम अब से मिलजुल कर रहेगे ।

मोरल :- मिलजुलकर रहने से कोई भी दिकक्त-परेशानी आती है वो आसानी से सोल कीया जात है ।

 

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real horror story in hindi

दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है real horror story in hindi  के बारे मे हमे यकिन है Real horror short story in Hindi  बहुत पसंद आयेगा रियल हॉरर स्टोरी

 

 

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न्यू हॉरर स्टोरी  ||real horror story in hindi

 

एक छोटा सा गांव था कोरोना वाइरस के कारण काफी स्कूल बंध हो गई थी । बच्चे अब अभयास मे ध्यान नही देते थे और खेल कुद और मोबाईल मे विडीयो गेम खेलते रहते थे । सरकार ने एक बार तो सभी बच्चो को मास प्रमोशन दे दीया था । अब सरकार ने निर्णय लीया की अब सभी बच्चो को ओनलाई अभयास दीया जाये ।

अब टीचर सभी बच्चो को ओनलाई अभयास देने लगे थे । लेकीन उस काल्स मे से एक लडकी कम दीखाई दे रही थी । तब टीचर ने सभी बच्चो को पूछा क्या हुवा कहा है मीरा कहा गई है क्यु नही ओनलाई काल्स मे आती है ।

तब एक बच्चे ने कहा टीचर उस के घर मे सभी लोग कोरोना के संकमर्ण हो गये है । कोई लोग उस घर ले सामने नही जाते और वहा से कोई बहार नही आते है । टीचर ने उस लडके की बात सुनके दुसरे दीन मीरा की मां के साथ बात कीया उसे ओनलाईन काल्स मे आने को कहा ।

दुसरे दीन टिचर के साथ सभी बच्चे ओनलाईन काल्स मे आ गये थे लेकीन मीरा नही आयी । टीचर ने मीरा को ओनलाईन आने के लीये रिक्वेट भेजा तब मीरा की मां ने रिक्वेट एक्सेप्ट कीया । टिचर ने मीरा की मां को कहा आपकी बेटी को ओनलाईन काल्स मे बेठा दो ।

मीरा मां के पिछे से हांस रही थी तब टिचर ने मीरा की मां को कहा देखो आपकी बेटी ओनलाईन काल्स मे आती तो नही है और अभी हांस रही है । तब मां तुरंत पिछे देखती है लेकीन कोई नही था । तब मीरा की मां ने टीचर को कहा मीरा कोरोना संकमर्ण होजाने के कारण उस की मुत्यू हो गई है ।

टीचर ने तुरंत मीरा की मां को कहा आप क्यु मेरे साथ मजाक कर रहे हो । आपके पीछे तो मीरा खडी हुवी है । टीचर ने सभी बच्चो को पूछा आप देख रहे है ना मां के पीछे मीरा खडी हुवी है । सभी बच्चो ने मना कर दीया । टीचर मीरा को देखते हुवे टीचर के होस उद गये और टीचर वहा से निचे गीर पडी ।

टीचर को दो दीन तक बुखार रहा । मीरा की मां टीचर को मिलने के लीये आती है और सारी बात बताई । मीरा की मां ने कहा हम्ने घर मे हवन करवाया है मीरा की आतमाको शांन्ती मिल जाये इस लीये । टीचर ने मीरा की मुत्यू हो जाने का गम जताया । टचर ने भगवान से प्राथना कीया मीरा को शांन्ती मिल जाये ।

 

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रक्षा बंधन स्टोरी इन हिंदी ॥ raksha bandhan story in hindi

दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है raksha bandhan story in hindi के बारे मे हमे यकिन है raksha bandhan essay बहुत पसंद आयेगा raksha bandhan history

 

 

 

raksha bandhan in hindi

 

एक लडका था उस की कोई बहेन नही था । वो अकेला ही था वो बहुत गरीब था । हर साल रक्षाबंधन दीन सोचता था की कास मेरी भी बहेन होती और मुझे राखी बंधती । वो लडका उस के दोस्तो के हाथ मे राखी देखते हुवे निरास हो जाता है ।

वो लडका एक दीन खेत मे काम कर रहा था । उस वक्त एक महीला उस लडके के पास आती है और उस लडके को कहती है मुझे बहुत जोर से पेट मे दर्द कर रहा है तुम्ह किसी को बुलाके ले के आवो । लडके ने कही लोगो को बुलाया लेकीन किसी ने लडके की बात नही मानी और कोई उस के साथ नही आया । बहुत अंधेरा हो चुका था वो लडका वापस उस महीला के पास जाता है ।

उस महीला को कहा है मेंने कही लोगो को मदद के लीये बुलाया लेकीन कोई नही आया मेरी मदद करने के लीये । महीला दर्द के मारे बहुत चिल्ला ने लगी रोने लगी । लडका उस महीला को रोते देखते हुवे वो भी रोने लगा । थोदे समय के बाद महीला ने एक लडकी को जन्म दीया । वो लडका उस लडकी को अपने हाथ मे उथाता है ।

वो महीला ने उस के बाद उस लडके को भी साथ मे घर लेके जाती है महीला अकेली रहती है उसका पती की मुत्यू हो गया था । उस महीला ने उस लडके को कहा तुम्ही ने इस नन्ही परी को अपने हाथ मे पहली बार उठाया था इस लीये तुम्हे ही इस नन्ही परी का नाम रखना है । उस लडके ने नाम दीया लक्ष्मी । उस महीला ने कहा ये तो बहुत अच्छा नाम है ।

लक्ष्मी अब बडी हो गई थी वो पहली बार उस लडके को राखी बंधती है । वो लडका उस राखी को देखते हुवे बहुत खुश हो जाता है । अब से हर साल रक्षाबंधन के दीन लक्ष्मी अपने भाई को राखी बंधा करती है । इस प्रकार से उस लडके को एक मां मील गाई और एक बहेन मील गई । वो अब अकेला नही था उस का भी एक परिवार था ।

 

 

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bholenath ki story in hindi

दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है bholenath ki story in hindi के बारे मे हमे यकिन है bholenath ki kahani hindi mein बहुत पसंद आयेगा | shankar bholenath
 
                                       bholenath ki story in hindi

bholenath ki story in hindi

 

भोलेनाथ के मंदीर का एक गरीब परिवार का पुजारी था । हर दीन वो पुजारी भोलेनाथ की सेवा करता था । एक दीन पुजारी को प्रत्ती ने कहा आज आप बहुत जल्दी घर आ गये है । क्या बात है कही जाने वाले है क्या । तब पुजारी ने प्रत्ती को कहा की आज मे पास के गांव मे हवन करने के लीये जाने वाला हु । और मुझे घर आते हुवे देर हो जायेगी ।  

पुजारी पास के गांव के घर मे जाने हवन करना शुरु कर देता है । पुजारी ने कही चिजे रखी उस मे से कही लोग येसी बात कर रहे थे की पुजारी हवन करते समय आसन के साथ त्रीशूल और डमरु रखते है । पुजारी हवन करते है भोलेनाथ इस आसन पे बिराजते है । ये पुजारी कही समय से भोलेनाथ के पुजारी है । सच मे भोलेनाथ इस आसन पे
बेठ ते है । 

एक दीन पुजारी भोलेनाथ की भक्ती कर रहा था तब कुच लोग आये और पुजरी को कहा आज हम देख ने वाले है क्या तुम्ह सच मे पुजारी हो या थोंग कर रहे हो । ये आसन पे हम बेथे गे पुजारी ने मना कर दीया ये भोलेनाथ का आसन है यही पे भोलेनाथ बेठगे । वो आदमीने पुजारी को कहा थीक है मुझे साबित करके दिखावो । पुजारी ने कुच समय मांगा । वो आदमीने कहा तुम्ह साबीत नही कर पाये तो ये मंदीर को छोड के चले जावेगे । पुजारी ने उस आदमी की शर्त स्वीकार कर लीया ।

गांव मे ये बात कही लोगो से फेल गयी अब लोग बात करने लगे पुजारी सच मे यह कर सकेगा । पुजारी कही समय से भोलेनाथ का भक्त है इस लीये जरुर कर पायेगा । हम कल दिखते है क्या सच होता है । पुजारी अब दुसरे दीन सुबह के बारे मे सोचने लगा और भोलेनाथ को प्राथना करने लगा मेरी सची भक्ती है तो कल आपको आना होगा ।

दुसरे दीन सुबह मे वो आदमी पुजारी से पहले मंदीर मे आ गया था । उस आदमीने पुजारी को कहा अब आपका हवन शुरु करो हम भी देखते है क्या भोलेनाथ आते है क्या । उस आदमी ने एक आसन रख के त्रीशूल और डमरु रख दीया और ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ ऊँ मंत्र का जाप करने लगा । कुच समय के बाद पुजारी उस आदमी को कहता है । इस आसन को अब यहा से उथा के दुसरी जगह पे रख दो ।

वो आदमी मुस्कूराते हुवे आसन उथाने के लीये गया लेकीन उस आदमी से आसन नही उथ पाया । आसन हिला भी नही सकता था । उस के बाद उस आदमी को जोर से थक्का लगा और उस आसन से दुर हो गया । तब उस आदमी को लगा की ये भोलेनाथ है । तब वो आदमी रोने लगा और भोलनाथ से श्र्मा मांगने लगा । मुझसे बहुत बडी गलती हो गई है इस लीये मुझे माफ करो ।

सभी गांव वालो को अब पुजारी की भक्ती को सच्ची लगी और गांव वालो ने पुजारी को कहा आपही इस मंदीर के पुजारी है आपकी जगहा दुसरा कोई नही ले सकता है । पुजारी भोलेनाथ की तरफ देखते हुवे कहा आप इसी तरहा आपकी क्रुपा दीखाते रहीये हम आपकी सेवा जनमो जनम करते रहेगे ।

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रोमांचक कहाँनी हिंदी में ॥ one short adventure story in hindi

दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है One short adventure story in Hindi  के बारे मे हमे यकिन है Adventure stories बहुत पसंद आयेगा | एडवेंचर स्टोरी 

One short adventure story in Hindi

 

one short adventure story in hindi

 

एक गोपाल करके लडका था वो अपने मां और पापा के साथ शहेर मे रहता था । स्कूल की छुट्टी हो जाने के बाद गोपाल के सारे दोस्त अपने नाना और नानी के घर रहने के लीये चले गये थे । गोपाल अकेला रहगा था उसे किसी चिज मे मंन नही लग रहा था । इस लीये गोपाल को गांव मे अपनी नानी के घर जाने की बहुत इछा होने लगी थी । लेकीन मां और पापा को नौकरी मे छुट्टी नही मिल रही थी । इस लीये वो लोग गांव नही जाना चाहते थे ।

गोपाल ने तैय कीया की मे अकेला ही गांव जावुगा । जब मां और पापा नौकरी पे गये थे तब गोपाल ने एक चीठी लिखी । मे मेरे सारे कपडे पेक करके सुबह 10 बजे वाली ट्रैन मे बेठ के गांव मे नानी के पास जा रहा हु । वहा पोहुचते ही आपको मे फोन कर दुंगा । येसा लिखने के बाद गोपालने कुच पैसे साथ लीये और चीठी घर के टेबल पे रखके निकल पडा ।

गोपाल ने बिना समय गवाये ट्रैन मे बेठ गया । गोपाल नानी के घर जाने के लीये बहुत बेताब होने लगा था । ट्रैन मे गोपाल खिडकी के बाहर देख रहा होता है । गोपाल खिडकी के बाहर देखते देखते सो जाता है और गोपाल का स्टेशन छुट जाता है । गोपाल जैसे ही आंख खोलता है तो नानी के गांव के बगल वाला गांव दिखाई देता है । गोपाल तुरंत ट्रैन मेसे निचे उतर जाता है ।

गोपाल सोच मे पड जाता है अब मे क्या करु कैसे मे घर पहचु । उस गांव मे बस या फिर से ट्रैन नही जाती है । गोपाल को अब जंगल के पाहाडी वाले रास्ते से गांव मे जाना था । गोपाल धिरे धिरे चल पडा । रास्ते मे गोपाल को कही लोगो ने पुछा बेटा तुम्ह कहा जा रहे है । लेकीन गोपाल ने किसी को जवाब नही दीया बस गोपाल चलता गया ।

चलते चलते गोपाल एक नाले मे गिर पडा । फिर से उथ के वो चल दीया रास्ते मे एक जिल आया वो जिल मे गोपाल नाहने लगा गोपाल ने उस जिल मेसे बहुत सारी मछली पकड लीया । गोपाल ने नाहने के बाड आपने बेग मेसे कपडे नीकाले और पहन लीये । गोपाल ने एक लंब्बी लकडी लीया उस मे मछली को रस्सी से बंध लीया और अपने गंदे कपडे बंध लीये । और गोपाल चल दीया ।

चलते चलते गोपाल ने कही खेत को पार कीये । गोपाल गिरते सभल के नानी के घर पहुच गया । नानी गोपाल को देखते हुवे बहुत खुश हो गयी । गोपाल ने नानी मां को मछली दीया और गोपाल ने तुरंत पापा को फोन किया और कहा मे नानी मां के घर पोहुच गया हु । गोपालने पापा को रास्ते मे जो कुच हुवा वो सारी बात बताया । पापा ने कहा तुम्ह नानी मां को परेशान मत करना । तुम्हारी छुट्टीया खतम होने के बाड तुम्हे मे लेने के लिये आवुगा ।

गोपाल पापा की बात सुंके बहुत खुश हो गया । गोपाल ने गांव मे कही लोगो को अपने दोस्त बनाये । वो उस के साथ खेल ने के लीये जाता था । नानी मां के साथ बाते करता था । नानी मां के साथ खेत मे जाता था । गाये को चारा डालने के लीये जाता था । गोपाल ने आपनी स्कूल की छुट्टीय बहुत अच्छी तरहा से बितायी । 

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