Courage stories in Hindi short with moral
एक दिन रामु किसी काम से बाजार जाता है। वहा पे दुकान से खाने के लिये बिस्कीट लेता है। तब कुच्छ बदमास् लड़के रामु को परेशानं करने लगते है और रामु से बिस्कीट ले लेते है।
रामु रोते रोते घर चले जाता है। इस तरहा से हर दिन रामु को बदमास् लड़के परेशान करते रहते है और रोते रोते घर चला जाता है। तब एक बुजुर्ग दादाजी ने उस रामु को पास बुलाया और पुच्छा हर दिन क्यु तुम रोते हुवे जाते हो। तब रामु ने उस दादाजी को बदमास् लड़के के बारे मे बताया।
दादजीने रामु की बात सुनके रामुको कहा बेटा इस तरहा तुम्ह हर दिन रोते हुवे घर जाते हो । बड़े होके भी इस तरहा घर जावोगे क्या उन बदमास् लड़के का सामना करोगो। तब रामु कहता है वो लोग मुझसे बड़े है मे कैसे उन लोगो का सामना करू।
तब दादाजी ने रामु को कहा बेटा हिम्मत और साहास किया हुवा कार्य हमेशा सफल होता है। तुम्हे भी साहास दिखाना होगा। तुम्हे बहादुरी से उन लोगो का सामना करना होगा। रामु ने सोच लिया मे वो बदमास् लड़के का सामना करुगा।
दूसरे दिन रामु बिस्कीट के पैकेट मे लाल किडी भरके के गया। वो बदमास् लड़के उस रामु से बिस्कीट लेते है और बिना देखे बिस्कीट के पैकेट खोलते है और तुरंत उस लड़के के हाथ पे किडी चड जाती है और उसे किडी बहुत डंक मारती है। तब बादमास लड़के ने रामु से माफी मांगी। इस तरहा से रामु ने बहादुरी से सामना करते हुवे गुमने फिरने मे आजादी मिल गई।
मोरल :– हमेशा बहादुरी से जो कार्य करते है उस मे सफल होते है।