राजा कि ईमानदारी ॥ moral of the story about poverty causes

दोस्तो आज आपको यह बताने वाले है story about poverty के बारे मे हमे यकिन है | moral of the story बहुत पसंद आयेगा ।

 

 

 

moral of the story about poverty causes राजा कि ईमानदारी 

 

 

एक दिन राजा अपने दोनो बेटॉ को राज्य के बारे कुच सिखा ने के इरादे से वो धोडे पे सवार होके वो निकल पदा । रास्ते मे एक पत्थर आ के राजा के सिर पे लगा सभि लोग देख ने लगे किस ने मारा पत्थर । शिपाहि और दोनो राजा के बेटॉ ने पत्थर मार ने वाले कि तलाश शुरु कर दि ।

शिपहा नि एक ननहे से लदके को पक्द के राजा के पास ले आया वो थर-थर कांप ने लगा । शिपाहि ने कहा कि राजा इस लदके ने आपको पत्थर मारा है ।दोनो बेटॉ मेसे बदे बेटे ने उस लदके के शिर पे तलवार रख दिया और छोटे बेटे ने देखा कि वो थर-थर काप रहा है उस लदके का हाथ पकद कर उसे पानि पिने के लिये दिया । राजा ने बदे बेटे को कहा कि तलवार हता लो । राजा उस लदके को पास बुलाया और कारण पुसा वो लदका कहने लगा की मेरि मां दो दिनो से भुखी है वो बिमार है और कुच नहि खाया है घर मे आनाज का एक दाना भि नही है । क्सि ने भोजान नहि दिया इस लिये मुजे कुच फल दिखे इस लिये मेंने पेड पर फल को तोड ने के लिये पत्थर मारा लेकिन दूर्भाग्य से वो पत्थर आप को लग गया मे माफ़ी चाहता हु ।

 

राजा ने उस लदके की बात मे गहराई दिखि इस लिये शिपाही को कहा के उस लदके के साथ आप लोग घर जावो और वेद जि को बुलावो उस लदके कि मां का इलाज करावो । कुच खाने के लिये आनाज दे आवो । बदे बेटे ने कहा कि आप को इस लदके ने पत्थर मारा है । उसे कोइ सजा नही देगे । राजा ने हंसकर कहा कि पेद पे पत्थर मार ने पे मिथा फल देता है तो मे थो एक मनुष्य हु मे केसे इस लदके  को निरास कर सकता हु.

वो लदका खुस हो गया और राजा के पेर मे गिर गया । छोटे बेटे ने उस लदके को उथाया और राजा को कहा कि मे भि इस लदके को घर छोद ने के लिये जाना चहता हु.

राजा ने बडे बेटे को कहा कि एक सच्चा राजा कभी किशि को नुकशान नहि पोहचाता है हमे किशि कि मदद कर नि चाहिये ताकी हमारी प्रजा शांति से जिये ।   

 

 Story about poverty किशान कि गरीबी 

 

 

एक छोटे से गाव कि एक गरीब किशान परिवार कि ए कहा नि है जिस मे किशान के परिवार मे मां-बाप और उनके 2 बच्चे थे बाप अक्शर बिमार रहता था । जेसे तेसे वो लोग जिवान गुजार ते थे एक दिन उस बिमारी ने उसकि जान ले ली । कुच दिनो तक आसपास वालो ने खाने पिने कि सुविधा कि । उसके बाद मे भुखे रहने के दिन आ गये थे । वो किशान कि पत्नी ने जेसे तेसे कुच दिनो के लिये बच्चो खाना खिलाया ।

लेकिन कुच दिन का आनाज था उसे खाना बनाया और कुच काम ना हो पाने कि वजाह से वो लोग भुखे रहने लगे । जिसकी वजह से 5 साल कि लदकी बिमार हो गाई और बिस्तर मे लेत गई. अखिर कार भुख के काराण उस के 7 साल का लदका मां से कान मे कहता है कि मां बहेन कब मरेगी..?

मां ने तुरत हि पलट कर पुछा एसा कुय पुछ रहे है.. तब वो लदके ने कहा की मां जब बहेन मर जाये गी तब तो घर मे खाना आएगा,..

 

 

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