चतुर लड़का – moral story in hindi for student
एक गाँव मे चिराग करके लड़का था वह अपनी माँ के साथ अक्सर बाजार मे सब्जिया लेने के लिए जाता था। लेकिन बाजार मे जाते ही चिराग खिलौने की दुकान मे चला जाता है।
माँ दुकान से सब्जिया लेके चिराग को खिलौने की दुकान से बुला लेती है। चिराग माँ को कहता है मुझे खिलौने ले दो। लेकिन माँ एक ही बात कहती है हर बार की तरहा आज भी पैसे सारे खर्च हो गये। सब्जिया तो कुछ आयी नही हैं कैसे यह महिना निकालेेंगे।
चिराग स्कूल मे अपनी टीचर को कहता है मेरी माँ के सारे पैसे खर्च हो जाते है लेकिन सब्जिया कम ही आती है। ऐसा क्यु होता है सब्जिया बहुत महागि हो गई है। मेरे दोस्तो तो मुझे कहते है हमारी माँ तो बहुत सारी सब्जिया खरीदती है।
तब टीचर ने चिराग को कहा। तुम्हारी माँ ने कितने तक की पठाई किया है। चिराग ने कहा मेरी माँ ने तो किताबे भी नही दिखी थी। और माँ खरीदी करती है तब तुम्ह कहा पे होते हो। तब चिराग कहता है मे खिलौना देखने के लिए चला जाता हु।
टीचर ने कहा अबकी बार अपनी माँ के साथ रहना और सब्जिया का कितना वजन होता है और कितना पैसे लगते है वो देखना। चिराग ने टीचर की यह बात अच्छी तरहा से मान लिया।
अब चिराग माँ के साथ बाजार मे जाता है पहले तो सभी दुकान मे सब्जिया का भाव पूछ लेता है। जब दुकान मे सब्जिया लेता है उस का वजन भी देखता रहता है।
जब दुकान दार कम सब्जिया टोलता है और ज्यादा पैसे लेते है तब चिराग तुरंत दुकान दार को कहता है हमे आपके पास से सब्जिया नही लेना है। और सभी को यह बात बता देता है।
अबसे चिराग कम पैसे मे ज्यादा सब्जिया माँ को खरीद कर दे देता है और माँ चिराग की यह चतुराई देखते हुवे चिराग को एक खिलौना खरीद कर दे देता है।
Moral stories:- जीवन मे कभी भी अनियाय सेहैना नही है आप कही भी अनियाय होके देखते है तो उस को सही करने की कोशिश करे।